पंचांग 17 जून 2022
पंचांग 17 जून 2022
सुविचार
बन्धनानि खलु सन्ति बहूनि प्रेमरज्जुकृतबनधनमन्यत्।
दारुभेद निपुणोऽपि षडङ्घ्रि निष्क्रियो भवति पङ्कजकोशे॥
भावार्थ
बन्धन तो अनेकों हैं, परंतु प्रेम बन्धन जैसे नहीं। प्रेम बन्धन के कारण ही काष्ठ में छिद्र करने वाला भ्रमर कमलकोष में निष्क्रिय हो जाता है।
॥आप सभी का दिन मंगलमय हो॥