पंचांग 17 मई 2022
पंचांग 17 मई 2022
सुविचार
परोक्षे कार्यहन्तारं प्रत्यक्षे प्रियवादिनम्।
वर्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुम्भ पयोमुखम्॥
भावार्थ
जो आँख की ओट होने पर काम बिगाड़े और सम्मुख होने पर मीठी मीठी बातें करे, ऐसे मित्र को मुख पर दूध तथा भीतर विष से भरे घड़े के समान त्याग देना चाहिए।
॥आप सभी का दिन मंगलमय हो॥