पंचांग 18 अक्टूबर 2021

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पंचांग 18 अक्टूबर 2021

सुविचार

मनस्येकं वचस्येकं कर्मण्येकं महात्मनाम्।

मनस्यन्यत् वचस्यन्यत् कर्मण्यन्यत् दुरात्मनाम्।।

भावार्थ

महान व्यक्तियों के मन में जो विचार होता है वही वे बोलते हैं और वैसा ही इनका शुद्ध आचरण होता है। इसके विपरीत दुष्ट के मन में कुछ और होता है, बोलते कुछ और हैं और करते कुछ और। ऐसे लोगों पर अँधा विश्वास करना अपने पैरों पर स्वयं कुल्हाड़ी मारने जैसा है।

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