पंचांग 20 अप्रैल 2021
सुविचार
अनुरूपेण संसर्गं प्राप्य सर्वोSपि मोदते।
दिनं तेजोनिधिर्यद्वद्रात्रिं दोषाकरस्तथा।।
भावार्थ
हर कोई अपने अनुरूप साथ प्राप्त होने पर प्रसन्न होता है, जैसे दिन के साथ सूर्य तो रात के साथ चंद्रमा आनंदित होता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।