पंचांग 21 अप्रैल 2021
पंचांग 21 अप्रैल 2021
सुविचार
अजरामरवत् प्राज्ञो विद्यामर्थञ्च चिन्तयेत्।
गृहीत इव केशेषु मृत्युना धर्ममाचरेत् ।।
भावार्थ
सूझबूझ वाला मनुष्य विद्या एवं धन अर्जित करने का विचार यूं करे जैसे कि वह बुढ़ापे और मृत्यु से मुक्त हो। किंतु साथ में धर्माचरण भी यूं करे जैसे कि काल उसके बाल पकड़कर बैठा हो और कभी भी उसे इहलोक से उठा सकता हो।
।।आप सभी को रामनवमी की शुभकामनाएं, आपका दिन मंगलमय हो।।