पंचांग 21 दिसम्बर 2021
पंचांग 21 दिसम्बर 2021
सुविचार
हर्तृ र्न गोचरं याति दत्ता भवति विस्तृता। कल्पान्तेऽपि न या नश्येत् किमन्यद्विद्यया विना॥
भावार्थ
जो चोरों को दिखाई नहीं देती, बांटने से जिसका विस्तार होता है, प्रलय काल में भी जिसका विनाश नहीं होता, वह विद्या के अलावा कौन सा धन हो सकता है?
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।