पंचांग 23 नवम्बर 2020
सुविचार
न हीदृशं संवननं त्रिषु लोकेषु वर्तते।
दया मैत्री च भूतेषु दानं च मधुरा च वाक॥
भावार्थ
प्राणियों के प्रति दया, सौहार्द्र, दानकर्म, एवं मधुर वाणी के व्यवहार के जैसा वशीकरण का कोई साधन तीनों लोकों में नहीं है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।