पंचांग 24 नवम्बर 2020
पंचांग 24 नवम्बर 2020
सुविचार
यः समुत्पतितं क्रोधं क्षमयैव निरस्यति।
यथोरगस्त्वचं जीर्णां स वै पुरुष उच्यते॥
भावार्थ
जिस प्रकार सांप अपनी जीर्ण-शीर्ण हो चुकी त्वचा को शरीर से उतार फेंकता है, उसी प्रकार जो व्यक्ति अपने सिर पर चढ़े क्रोध को क्षमाभाव के साथ छोड़ देता है वही वास्तव में गुणों का धनी श्लाघ्य पुरुष है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।