पंचांग 26 फरवरी 2022
सुविचार
एकोदरसमुघूता एक नक्षत्र जातका।
न भवन्ति समा शीले यथा बदरिकण्टका।।
भावार्थ
एक ही कोख से, एक ही ग्रह–नक्षत्र में जन्म लेने पर भी दो लोगों का स्वभाव एक समान नहीं होता। उदाहरण के लिए बेर और कांटों को देखा जा सकता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।