पंचांग 26 सितम्बर 2020
पंचांग 26 सितम्बर 2020
सुविचार
जरा रुपं हरति हि धैर्यमाशा मृत्युः प्राणान् धर्मचर्यामसूया।
क्रोधः श्रियं शिलमनार्यसेवा हृियं कामः सर्वमेवाभिमानः॥
भावार्थ :
वृद्धावस्था खूबसूरती को नष्ट कर देती है, उम्मीद धैर्य को, मृत्यु प्राणों को, निंदा धर्मपूर्ण व्यवहार को, क्रोध आर्थिक उन्नति को, दुर्जनों की सेवा सज्जनता को, काम भाव लाज शर्म को तथा अहंकार सबकुछ ही नष्ट कर देता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।