पंचांग 27 फरवरी 2021
सुविचार
अपि मेरुसमं प्राज्ञमपि शूरमपि स्थिरम्।
तृणीकरोति तृष्णैका निमेषेण नरोत्तमम्।।
भावार्थ
भले ही कोई व्यक्ति मेरु पर्वत की तरह स्थिर हो, चतुर, बहादुर दिमाग का हो, लेकिन लालच उसे पल भर में घास की तरह समाप्त कर सकता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।