पंचांग 28 अप्रैल 2021
पंचांग 28 अप्रैल 2021
सुविचार
यो ध्रुवाणि परित्यज्य अध्रुवाणि निषेवते।
ध्रुवाणि तस्य नश्यन्ते अध्रुवं नष्टमेव हि।।
भावार्थ
जो व्यक्ति ध्रुव यानि जो सुनिश्चित है उसकी अनदेखी करके उस वस्तु के पीछे भागता है जो अनिश्चित हो, तो अनिष्ट होना ही है। निश्चित को भी वह खो बैठता है और अनिश्चित का तो पहले से ही कोई भरोसा नहीं रहता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।