पंचांग 28 फरवरी 2021
सुविचार
आढ्यतो वापि दरिद्रो वा दुःखित सुखितोऽपिवा।
निर्दोषश्च सदोषश्च व्यस्यः परमा गतिः॥
भावार्थ
चाहे धनी हो या निर्धन, दुःखी हो या सुखी, निर्दोष हो या सदोष, मित्र ही मनुष्य का सबसे बड़ा सहारा होता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।
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