पंचांग 29 सितम्बर 2020
पंचांग 29 सितम्बर 2020
सुविचार
सन्तापाद् भ्रश्यते रुपं सन्तापाद् भ्रश्यते बलम्।
सन्तापाद् भ्रश्यते ज्ञानं सन्तापाद् व्याधिमृच्छति॥
भावार्थ :
शोक करने से रूप-सौंदर्य नष्ट होता है, शोक करने से पौरुष नष्ट होता है, शोक करने से ज्ञान नष्ट होता है और शोक करने से मनुष्य का शरीर दुःखों का घर हो जाता है अर्थात शोक त्याज्य है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।