पंचांग 3 अक्टूबर 2021
सुविचार
आरभन्तेऽल्पमेवाज्ञाः कार्यं व्यग्रा भवन्ति च।
महारम्भाः कृतधियः तिष्ठन्ति च निराकुलाः।।
भावार्थ
नासमझ छोटे छोटे कार्य करने के दौरान भी बेचैन और चिंतित रहते हैं, जबकि मेधा और धीरज वाले बड़े-बड़े कार्य कर लेते हैं और स्थिर रहते हैं।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।