पंचांग 3 अप्रैल 2022
सुविचार
न कश्चित् कस्यचिन्मित्रं न कश्चित् कस्यचिद्रिपुः। व्यवहारेण जायन्ते मित्राणिमा रिपवस्तथा॥
भावार्थ
कोई किसी का मित्र नहीं और कोई किसी का शत्रु नहीं है। बर्ताव से ही मित्र और शत्रु उत्पन्न होते हैं।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।