पंचांग 3 नवम्बर 2020
सुविचार
क्रोधो वैवस्वतो राजा तृष्णा वैतरणी नदी।
विद्या कामदुघा धेनु सन्तोषो नन्दनं वनम्॥
भावार्थ :
क्रोध यमराज के समान है और तृष्णा नरक की वैतरणी नदी के समान। विद्या सभी इच्छाओं को पूरी करने वाली कामधेनु है और संतोष स्वर्ग का नंदन वन है ।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।