पंचांग 3 मई 2022
सुविचार
कः कालः कानि मित्राणि को देशः कौ व्ययागमौ।
कस्याहं का मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुहुः॥
भावार्थ
समय कैसा है? मित्र कौन हैं? देश कौन–सा है? आय और व्यय कितना है? मैं किसका हूँ? मेरी शक्ति कितनी है? इसका बार–बार विचार करना चाहिये।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।