पंचांग 4 जुलाई 2021
पंचांग 4 जुलाई 2021
सुविचार
सहसा विदधीत न क्रियाम, विवेकः परमापदां पदम्।
वृणते हि विमृश्यकारिणं , गुणलुब्धाः स्वयमेव संपदः।।
भावार्थ
जीवन में कभी कोई कार्य भावावेश में आकर नहीं करना चाहिए, क्योंकि आवेश में अविवेक उत्पन्न होता है और अविवेक ही विपत्तियों का कारण है। जो व्यक्ति सोचकर, धैर्यपूर्वक कार्य करता है, वह सदैव सुखी एवं समृद्घ रहता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।