पंचांग 4 दिसम्बर 2021
पंचांग 4 दिसम्बर 2021
सुविचार
वृत्तं यत्नेन संरक्षेत्वित्तमायाति याति च।।
अक्षीणो वित्ततः क्षीणो वृत्ततस्तु हतो हतः।।
भावार्थ
धन आता जाता रहता है। धन से क्षीण होने वाला क्षीण नहीं है, परन्तु जिसका शील नष्ट हो जाए, उसका सर्वनाश निश्चित है। इसलिए शील का यत्नपूर्वक रक्षण करना चाहिए।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।