पंचांग 5 सितम्बर 2021
सुविचार
यथा ह्येकेन चक्रेण न रथस्य गतिर्भवेत्।
एवं परुषकारेण विना दैवं न सिद्ध्यति।।
भावार्थ
जिस प्रकार एक पहिये से रथ नहीं चल सकता, उसी प्रकार बिना पुरुषार्थ के भाग्य सिद्ध नहीं हो सकता।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।
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