पंचांग 7 नवम्बर 2020
पंचांग 7 नवम्बर 2020
सुविचार
दानं भोगं नाशस्तिस्रो गतयो भवन्ति वित्तस्य।
यो न ददाति न भुङ्क्ते तस्य तृतीया गतिर्भवति॥
भावार्थ :
धन की संभव नियति तीन प्रकार की होती है। पहली है उसका दान, दूसरी उसका भोग और तीसरी है उसका नाश। जो व्यक्ति उसे न किसी को देता है और न ही उसका स्वयं भोग करता है, उसके धन की तीसरी गति होती है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।