पंचांग 8 जून 2021
पंचांग 8 जून 2021
सुविचार
अव्याहृतं व्याहृताच्छ्रेय आहुः सत्यं वदेद् व्याहृतं तद् द्वितीयम्।
प्रियं वदेद् व्याहृतं तत् तृतीयं धर्मं वदेद् व्याहृतं तच्चतुर्थम्।।
भावार्थ
बोलने से न बोलना ही अच्छा बताया गया है। यह वाणी की प्रथम विशेषता है। बोलना ही पड़े तो सत्य बोलना चाहिए क्योंकि यह मौन की अपेक्षा अधिक लाभप्रद है। यह वाणी की दूसरी विशेषता है। सत्य और प्रिय बोलना वाणी की तीसरी विशेषता है। सत्य और प्रिय के साथ ही धर्मसम्मत भी कहा जाये तो यह वाणी की चौथी विशेषता है। प्रत्येक स्तर श्रेष्ठ वाणी का परिमाण है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।