पंचांग 8 मई 2021
पंचांग 8 मई 2021
सुविचार
उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत।।
क्षुरस्य धारा निशिता दुरत्यया दुर्गं पथस्तत्कवयो वदन्ति।।
भावार्थ
हे मनुष्य! तुम उठो और सचेत हो जाओ। ज्ञानी पुरुषों के पास जाकर उनके सानिध्य में रहकर ज्ञान प्राप्त करो। त्रिकालदर्शी यानि ज्ञानी पुरुष तत्वज्ञान के इस मार्ग को छुरे की तीक्ष्ण धार पर चलने के सदृश कठिन बताते हैं।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।