परिवर्तन का माध्यम हैं पुस्तकें
आज विश्व पुस्तक दिवस 23 अप्रैल पर विशेष
पुस्तक क्यों पढ़ें :
पुस्तकें एकाग्रता बढ़ाने में विशेष भूमिका निभाती हैं। लिखित तथ्य सदैव अधिक प्रभावी होते हैं। पुस्तकें अच्छे विचार उत्पन्न करती हैं जो मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालते हैं। कल्पनाशीलता के साथ ही सृजनशीलता की उत्पति का माध्यम भी पुस्तक बनती है।
पुस्तक का महत्व :
पुस्तकों से मनुष्य भावपूर्वक जुड़ता है, चिंतन प्रवाह बनाता है,
अच्छी प्रस्तुति से लिखे विषय रुचि जगाते हैं। शब्दकोश, ज्ञान, लेखन जैसे गुण बढ़ाने के लिए सहज मार्ग है पुस्तक। पुस्तक जगत की गहराई में जाने पर इन्हीं विषयों में धीरे-धीरे निखार आता है। लेखक और पाठक के मध्य अव्यक्त संवाद भी स्थापित होता है। बचपन में देवपुत्र, पंचतंत्र की कहानियों से प्रारम्भ होकर युवा अवस्था में उपन्यास से जिज्ञासा बनते हुए बड़ी पुस्तकों और साहित्य के अध्ययन की ओर बढ़ते चले जाते हैं। लेखकों के संजोए अनमोल शब्द भाव मिलने का उत्तम साधन है पुस्तक जो व्यक्तित्व में परिवर्तन का श्रेय भी प्राप्त करती हैं।
पुस्तक कैसे पढ़ें :
पुस्तक पढ़ने के अनेक तरीके होते हैं। कुछ लोग विषय अनुसार पढ़ते हैं, कुछ लोग प्रतिदिन कुछ पृष्ठ पढ़ते हैं, रात्रि सोने से पूर्व कुछ अवश्य पढ़ेंगे, विषय की तैयारी हेतु भी अध्ययन करते हैं और कुछ लोग सामयिक जो उस वर्ष प्रकाशित पुस्तकें हैं, उन्हें पढ़ते हैं।बहुत सारे पाठक यात्रा में भी पढ़ते हैं।
पुस्तक का चयन :
कौन सी पुस्तक पढ़नी है, यह पुस्तक की प्रस्तावना और लेखक के परिचय से तय होता है। पुस्तक प्रेमी लेखक अथवा अपनी रुचि के विषय के साथ प्रकाशन के आधार पर भी पुस्तकों का चयन करते हैं। पुस्तक का चयन करते समय उसके बाहरी चित्र से मोहित होकर ना पढ़ें अपितु भीतर की सुंदरता का महत्व भी जानना चाहिए। पुस्तक अपनी रुचि के अनुसार चयन करना उचित होता है। बच्चों को प्रारम्भ में कहानी की पुस्तक देनी चाहिए
अपने देश की सामान्य जानकारी की पुस्तक पढ़नी ही चाहिए। जिन वीर – वीरांगनाओं के कारण हम और हमारी लेखनी स्वतंत्र है, उनके त्याग तप को अवश्य पढ़ना चाहिए।
जीवनियां पढ़ना आसान भी होता है। भिन्न मत विचार की पुस्तकें भी पढ़नी चाहिए। परंतु उससे पहले मूल विचार प्रगाढ़ होने चाहिए।
भेंट करें पुस्तक :
बच्चों के जन्मदिन, विवाह आदि शुभ अवसरों पर पुस्तकें भेंट करनी चाहिए। भेंट में दी हुई पुस्तक बच्चे व बड़े ना केवल सहेजते हैं अपितु पढ़ते भी हैं।
पुस्तक पढ़ने के परिणाम
पुस्तकें विचारों को दिशा देती हैं। अच्छी पुस्तकों का अक्षरशः पालन करना अच्छे पाठकों में देखा गया है। पुस्तकें व्यक्ति, परिवार, समाज और विश्व में परिवर्तन लाने में सक्षम हैं। वैचारिक परिवर्तन पुस्तकों से ही संभव है जो आज के युग की आवश्यकता है। पुस्तक पढ़ने से अपने विचार प्रमाणिक व विश्वास के साथ रखे जा सकते हैं इससे औरों को भी पुस्तक पढ़ने की प्रेरणा मिलती है।