पर्यावरण दिवस पर पाथेय भवन में लगाई पंचवटी, पौधारोपण पद्धति का दिया प्रशिक्षण

जयपुर, 7 जून। एकादशी व विश्व पर्यावरण दिवस के पावन उपलक्ष्य में पाथेय परिसर के वाटिका स्थल पर पंचवटी लगायी गई। इस अवसर पर मित्रा सेवा संस्थान एवं भोमिया सेवा संस्थान के कार्यकर्ताओं एवं अपना संस्थान के अशोक कुमार ने पौधों को रोपने की वैज्ञानिक पद्धति भी सिखायी। पौधे लगाने के साथ साथ प्रशिक्षण हेतु उसके प्रत्यक्षीकरण के वीडियो भी बनाए गए।
प्रान्त पर्यावरण गतिविधि के प्रमुख अशोक कुमार ने बताया कि सही पद्धति से पौधा लगाने के लिए पहले तीन फुट गहरा गड्ढा खोदें। उसमें गन्ने के छिलके, सूखे पत्ते एवं देसी खाद डालें, पौधे के निकट नमी बनाए रखने के लिए नारियल के छिलके का बुरादा भी डालें। फिर लगभग एक फिट ऊंचा पौधा रोपें।
पाथेय भवन में लगाई गयी पंचवटी में बड़, आँवला, अशोक, पीपल व बिल्व के पौधे लगाए गए जो क्रमशः ताऊ रमाकान्त, माणकचंद, मनोज आचार्य, मनोज जोशी व भगवान सहाय द्वारा रोपे गए।
इससे पूर्व पौधों को ससम्मान गाड़ी से उतारते हुए उनका स्वागत अभिनंदन किया गया। पौधों का पूजन रमाकांत ताऊ ने किया। पौधे लगाते समय मंत्रोच्चार भी किया गया। इस अवसर पर मनोज कुमार ने बताया कि भारतीय संस्कृति पर्यावरण प्रेमी व प्रकृति पूजक रही है। हमारे यहाँ परंपरा से हरियाली अमावस, आँवला नवमी, पीपल पूनम आदि पर्व मनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के लिए उपर्युक्त तीनों संस्थान अच्छा कार्य कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने इन सभी को साधुवाद दिया।
पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण का यह कार्यक्रम पूरे 75 मिनट तक चला। कार्यक्रम के अंत में पौधों की आरती कर हलवे व मिश्री का प्रसाद बांटा गया एवं सभी उपस्थित जनों को पाथेय का विशेषांक भेंट किया गया।