मोहर्रम पर धारा 144 की निषेधाज्ञा की उड़ीं धज्जियां, पाबंदी के बावजूद निकले ताजिए
- बांसवाड़ा, भरतपुर व नागौर समेत कई जिलों में पाबंदी के बावजूद निकले ताजिए
- धारा 144 की निषेधाज्ञा की उड़ीं धज्जियां
- प्रशासन कोविड गाइडलाइन्स की पालना करवाने में नाकाम
- पुलिस की समझाइश बेअसर, अड़े रहकर निकाले ताजिए
जयपुर, 31 अगस्त। मोहर्रम पर धारा 144 की निषेधाज्ञा की खुले आम धज्जियां उड़ाई गईं। बांसवाड़ा, भरतपुर व नागौर समेत कई जिलों में पाबंदी के बावजूद ताजियों के जुलूस निकाले गए। कोविड के कारण पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है। लेकिन कलक्टर के आदेश के बाद भी प्रशासन कोविड गाइडलाइन्स की पालना करवाने में नाकाम रहा।
कोविड के चलते प्रदेश में हर पर्व- त्योहार से पहले स्थानीय प्रशासन समाज के धर्मगुरुओं से धारा 144 की निषेधाज्ञा की पालना करवाने की अपील कर रहा है। धर्मगुरुओं के आह्वान पर समाज के लोग कोरोना महामारी की भयावहता को समझते हुए इसका पालन भी कर रहे हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर प्रशासन की अनदेखी के कारण लोग सरकारी पाबंदियों को धता बता रहे हैं।
प्रदेश के बांसवाड़ा, भरतपुर व नागौर जिले में कुछ स्थानों पर ऐसा ही हुआ। यहां प्रशासनिक आदेशों को धता बताकर न सिर्फ ताजियों का जुलूस निकाला गया, बल्कि जुलूस के दौरान दो गज की दूरी के नियम का भी पालन नहीं किया गया। इसे लेकर अब सर्वसमाज आक्रोशित हो रहा है। सर्वसमाज का कहना है कि महामारी के दौर में जब सभी पर्व व त्योहार सादगी से बिना भीड़ मनाए जा रहे हैं, फिर ताजियों का जुलूस निकालने में सरकारी मानदंडों की पालना क्यों नहीं की गई।
भरतपुर में रविवार को गोवर्धन गेट के समीप मछली मोहल्ला में पाबंदी के बावजूद मुस्लिम समाज के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित होकर ताजिए के जुलूस के लिए अड़े रहे। मौके पर उपस्थित कुछ पुलिसकर्मियों ने उन्हें इसके लिए रोकने की कोशिश भी की, लेकिन ये झगड़े पर उतारू हो गए। बांसवाड़ा व नागौर जिले के मूंडवा में भी लगभग ऐसे ही हालात रहे। तीनों स्थानों पर भारी भीड़ के बीच ताजियों व अलम का जुलूस निकाला गया।