पीएफआई ने लगाए विवादित पोस्‍टर, ढांचा विध्‍वंस को याद करते हुए लिखा- कहीं हम भूल न जाएं

पीएफआई ने लगाए विवादित पोस्‍टर, ढ़ांचा विध्‍वंस को याद करते हुए लिखा- कहीं हम भूल न जाएं

पीएफआई ने लगाए विवादित पोस्‍टर, ढ़ांचा विध्‍वंस को याद करते हुए लिखा- कहीं हम भूल न जाएं

जयपुर, 05 दिसम्बर। टोंक जिले के मालपुरा व जयपुर के चाकसू क्षेत्र में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की ओर से भारतीय संविधान व सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को धता बताने वाले विवादित पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में बाबरी ढांचे को लेकर विवादित टिप्पणी लिखी गई है। इसमें इस बात का आह्वान किया गया है, एक दिन बाबरी का उदय होगा, 6 दिसंबर 1992 को कहीं हम भूल न जाएं। इन पोस्टरों में बाबरी ढांचे के तीनों गुंबदों की तस्वीर है। ऐसे पोस्टर चाकसू, मालपुरा व उसके आसपास के क्षेत्र में लगाए गए हैं। पीएफआई द्वारा लगाए पोस्टर से हिन्दू समाज के लोगों में रोष व्याप्त हो गया। इसके विरोध में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उपखण्ड अधिकारी व चाकसू पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दी। एसडीएम व पुलिस ने कार्रवाई की बात कही है।

6 दिसंबर 1992 को ही कारसेवकों ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर को तोड़कर बनाए गया बाबरी  ढांचा गिराया था। इसी को लेकर PFI के कार्यकर्ताओं की ओर से ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं। अभी दो दिन पूर्व ही जयपुर के मोती डूंगरी रोड स्थित पीएफआई कार्यालय समेत समेत देश के कई राज्यों में PFI से जुड़े लोगों और दफ्तरों पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा छापेमारी की गई थी। हालांकि यह छापेमारी CAA, NRC के खिलाफ देश भर में हुए विरोध प्रदर्शनों में विदेशी फंडिंग को लेकर की गई थी। लेकिन देशविरोधी गतिविधियों को लेकर कई बार चर्चा में आए पीएफआई संगठन के विरुद्ध सरकार की कई एजेंसियां जांच कर रही हैं।

मालपुरा कावड़ यात्रा समिति ने सोशल मीडिया पर इन पोस्टर्स का विरोध करते हुए लिखा है, जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मन्दिर मुद्दे पर निर्णय दे दिया है तो फिर इस तरह के विवादित पोस्टर लगाकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इण्डिया की तरफ से मालपुरा का माहौल बिगाड़ने की साजिश क्यों की जा रही है।

बजरंग दल चाकसू प्रखण्ड संयोजक केशव गौतम ने बताया कि पीएफआई द्वारा चाकसू कस्बे के मुस्लिम मोहल्लों व अन्य प्रमुख स्थानों पर ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं। इससे इनकी संविधान व देश विरोधी मानसिकता उजागर होती है। इसके लिए थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया है। यदि कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *