पूर्वोत्तर ने बहुत बर्बादी झेली, लेकिन अब वह समय बीत गया – डॉ. कृष्ण गोपाल
पूर्वोत्तर ने बहुत बर्बादी झेली, लेकिन अब वह समय बीत गया – डॉ. कृष्ण गोपाल
गुवाहाटी। लघु उद्योग भारती गुवाहाटी के 28वें स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आयोजित की गई। सोमवार को उद्यमी सम्मेलन-2022 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि असम का तेजी से विकास हो रहा है। उग्रवाद समाप्त, सड़कें चौड़ी, रेल यातायात बढ़ रहा है। इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज बढ़ रहे हैं। गुवाहाटी आईआईटी देश के टॉप पांच आईआईटी में शामिल है। वातावरण अब तेजी से बदल रहा है। 35-40 वर्षों तक पूर्वोत्तर ने बर्बादी झेली, उग्रवादी विकास नहीं चाहते थे। अब समय बीत गया है।
उन्होंने कहा, कब कहां पहुंचेंगे, पता नहीं था। पहले एस्कॉर्ट लेकर जाता था। शांति का माहौल नहीं था। विस्फोट होते थे। अब ये सब बदल गया है। सारे देश की हरियाली में अधिकांश हिस्सा पूर्वोत्तर में है। भगवान ने बहुत कुछ दिया है। अब लोग यहां निवेश कर सकते हैं। अब यहां उत्पादन होना चाहिए। बाहर से लाना बंद करें, निर्यात भी कर सकते हैं। कई पड़ोसी देशों के साथ व्यापार कर सकते हैं। अच्छी नीतियां बन रही हैं। दोनों सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। असम के लोग उत्सव प्रिय हैं, मिलनसार हैं, प्रसन्नता से रहते हैं। इस अवसर को खोना नहीं है। अभी उन्नति का समय है। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा। असम के लोग नये-नये उद्योग लगाएं, सारे देश के लोग इसमें सहायता करें, ताकि, सभी का विकास हो। उन्होंने कहा कि कभी ऐसा लगता था कि पूरे देश की सारी समस्या पूर्वोत्तर में है, अब परिस्थितियां बदल गई हैं।
उन्होंने कहा कि अगरतला से राजधानी चलेगी, जब तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अधिकारियों से कहा तो उन्होंने कहा कि मीटर गेज है, ब्रिज छोटे हैं, पहाड़ काटना पड़ेगा। आधे घंटे में उन्होंने अधिकारियों को समझा दिया। अगरतला से राजधानी शुरू हो गयी। लघु उद्योग भारती ने यहां राष्ट्रीय राज्य समिति की बैठक आयोजित कर एक नया द्वार खोल दिया है। समस्याएं हैं, मिलकर उनका समाधान करना है। असम के लोगों की आय दोगुनी हो इसका उपाय करना है।
केंद्रीय राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि संस्था की जो भी समस्या है, हमें बताइए हम उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे। लेकिन, आपको आत्मनिर्भर होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर के विकास के लिए सभी मंत्रियों को महीने में कम से कम एक दिन पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा करने का निर्देश दिया है। अच्छी औद्योगिक नीतियां बनेंगी, इसका मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं।
असम के मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा कि स्वतंत्रता से पहले असम एक समृद्ध राज्य था। स्वतंत्रता के बाद धीरे-धीरे कमजोर होता चला गया, लेकिन अब फिर से इसमें तेजी से सुधार हो रहा है। बलदेव भाई प्रजा ने कहा कि छोटे उद्योग धंधों को बचाने के लिए 25 अप्रैल, 1994 में लघु उद्योग भारती का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि भारत के सभी राज्यों के 450 जिलों में 32 हजार से अधिक इकाइयों का गठन किया गया है।
स्वागत भाषण में मनोज लुंडिया ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने इस आयोजन में पूरा सहयोग दिया है। उद्यमी सम्मेलन-2022 में कुल 422 स्टॉल लगाए गए हैं। इसमें 120 केंद्रीय तथा 90 स्टॉल प्रदेश के हैं। इतना बड़ा कार्यक्रम कभी गुवाहाटी नहीं हुआ। हमारे सदस्यों ने भी हमारे अनुरोध को स्वीकार किया और अपना स्टॉल लगाकर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया है। धन्यवाद ज्ञापन विवेक अग्रवाल ने तथा कार्यक्रम का संचालन विकास ने किया।