प्रकृति वंदन कार्यक्रम : पर्यावरण संरक्षण हमारी संस्कृति का मूलभूत आधार

प्रकृति वंदन कार्यक्रम : पर्यावरण संरक्षण हमारी संस्कृति का मूलभूत आधार

प्रकृति वंदन कार्यक्रम : पर्यावरण संरक्षण हमारी संस्कृति का मूलभूत आधार

  • प्रकृति वंदन कार्यक्रम कल
  • कार्यक्रम के लिए PM नरेंद्र मोदी ने दिया संदेश
  • जनता में जागरूकता लाने के प्रयासों की PM ने की सराहना
  • RSS की पर्यावरण गतिविधि व HSS फेयर कर रहे आयोजन
  • सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का होगा सम्बोधन
  • अब तक लगभग 4 लाख लोगों ने किया ऑनलाइन पंजीयन

जयपुर 29 अगस्त। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण संरक्षण गतिविधि व हिंदू आध्यात्मिक और सेवा संस्थान के संयुक्त उपक्रम में 30 अगस्त को प्रकृति वंदन कार्यक्रम आयोजित होगा। जिसे आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत व आर्ट आॅफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर सम्बोधित करेंगे। आॅनलाइन आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के लिए अब तक करीब 4 लाख पंजीयन हो चुके हैं।

प्रकृति वंदन कार्यक्रम की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सराहना की है। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी संस्कृति का मूलभूत आधार है। ऐसे में वे 130 करोड़ भारतीयों के प्रयासों की सराहना करते हैं। उन्होंने जनता के बीच जागरूकता लाने व जैविक विविधता की रक्षा हेतु किये जा रहे एचएसएस संस्थान के प्रयासों के लिए प्रसन्नता प्रकट की।

कार्यक्रम के सह संयोजक सोमकांत शर्मा ने बताया कि प्रकृति वंदन कार्यक्रम का आयोजन 30 अगस्त को सुबह 10 बजे से 11 बजे तक देश के 500 से अधिक केंद्रों और विश्व स्तर पर 25 से अधिक देशों में प्रकृति माता के प्रति श्रद्धा प्रदर्शित करने हेतु किया जा रहा है। यह कार्यक्रम सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से लाइव प्रसारित होगा। कार्यक्रम में एक ही समय में घर, व्यक्तिगत या सार्वजनिक उद्यानों में दो गज दूरी का पालन करते हुए पेड़-पौधों का वंदन करेंगे।

एचएसएस फेयर की उपाध्यक्ष डॉ. शीला अग्रवाल ने कहा कि प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना हमारी भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न और अनूठा हिस्सा रहा है। यह बात पारंपरिक प्रथाओं, धार्मिक विश्वासों, अनुष्ठानों, लोककथाओं, कलाओं, शिल्पों और भारतीयों के दैनिक जीवन में बहुतायत से प्रदर्शित होती आई है।

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