प्रेरक घटनाएं पाठ्यक्रम का हिस्सा न होना दुर्भाग्यपूर्ण : निम्बाराम
जयपुर, 24 फरवरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा, यह हमारा दुर्भाग्य है कि प्रेरणा देने वाली घटनाएं आज हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं हैं। जिस समाज ने लड़कर अंग्रेजों को देश से भागने को मजबूर किया, उस समाज को कहीं जानबूझकर तो गुमनाम तो नहीं किया जा रहा, यह निश्चित ही विचारणीय है। निम्बाराम गुरुवार को सांगानेर स्थित विनायक विद्यापीठ सी.से. स्कूल की ओर से आयोजित लेखक पवन कुमार द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘स्वातंत्र्य समर के अमर बलिदानी’’ पर आधारित प्रतियोगिता ‘‘आओ बच्चो क्रांतिकारियों को जानें’’ के पुरस्कार वितरण समारोह में प्रतियोगियों को संबोधित कर रहे थे।
निम्बाराम ने कहा कि 1857 की लड़ाई स्वतंत्रता की लड़ाई थी, जिसे अंग्रेजों ने सैनिक विद्रोह (गदर) कहकर प्रचारित किया। अंग्रेजों के जाने के 75 वर्ष बाद भी हम उसे सैनिक विद्रोह ही पढ़ रहे हैं। हम आज भी वास्तविकता से अनभिज्ञ हैं। इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है? विनायक दामोदर सावरकर द्वारा लिखित ‘‘1857 का स्वातंत्र्य समर’’ पुस्तक आज भी हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी का काम शिक्षार्जन करना है। शिक्षार्थियों को पाठ्यक्रम से इतर भी ज्ञानार्जन करना चाहिए। इसलिए हमारे यहां समय समय पर परिवारों और विद्यालयों में भी संस्कार और प्रेरणा देने वाली प्रतियोगिताएं एवं कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं, जो सतत चलते रहने चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि विदेशियों का शासन स्वीकार नहीं था। इसलिए हम लड़े और इतने लड़े कि लाखों लोगों ने इसके लिए बलिदान तक दिए। कुछ प्रसिद्ध हो गए और कुछ गुमनाम जीवन जीकर इस संसार से चले गए। ऐसे लाखों क्रांतिकारियों के बलिदान के चलते हम स्वतंत्रता की श्वांस ले पा रहे हैं। उन गुमनाम बलिदानियों का स्मरण सम्पूर्ण समाज को हो, अमृत महोत्सव इत्यादि कार्यक्रमों का प्रमुख उद्देश्य यही है।
निदेशक रमेश गौड़ ने बताया कि देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लेखक पवन कुमार द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘स्वातंत्र्य समर के अमर बलिदानी’’ पर आधारित प्रतियोगिता ‘‘आओ बच्चो क्रांतिकारियों को जानें’’ आयोजित की गई, जिसमें 75 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को मुख्य वक्ता निम्बाराम द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। इसके अतिरिक्त सभी प्रतियोगियों को प्रशस्ति पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर क्रांतिकारी स्व. महावीरसिंह के नवासे राजीव चौहान, लेखक पवन कुमार एवं विभाग प्रचारक विनायक कुमार भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रसादी का वितरण किया गया।