बंगाल में जीत के बाद बेकाबू हुए टीएमसी कार्यकर्ता, जगह जगह हिंसा के बाद अभाविप के कार्यालय में भी की तोड़ फोड़

बंगाल में जीत के बाद बेकाबू हुए टीएमसी कार्यकर्ता, जगह जगह हिंसा के बाद अभाविप के कार्यालय में भी की तोड़ फोड़

बंगाल में जीत के बाद बेकाबू हुए टीएमसी कार्यकर्ता, जगह जगह हिंसा के बाद अभाविप के कार्यालय में भी की तोड़ फोड़

विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के तुरंत बाद से पूरे बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की हिंसक प्रवृत्ति और गुंडागर्दी खुलेआम देखने को मिल रही है। रविवार से ही ममता बनर्जी के गुंडे विरोधियों को चिन्हित कर उन पर बम फेंकने से लेकर अनेक तरीकों से पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल बना रहे हैं। कल तृणमूल के 15-20 गुंडों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप), कोलकाता में स्थित प्रांत कार्यालय पर हमला करते हुए वहाँ मौजूद कार्यकर्ताओं से गाली-गलौज, मारपीट एवं तोड़फोड़ की।

अभाविप की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि कार्यालय में उपस्थित अभाविप कार्यकर्ताओं राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीनिवास, क्षेत्रीय संगठन मंत्री गोविंद नायक, सह-क्षेत्रीय संगठन मंत्री अपांशु शेखर शील, केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य सुमनचंद्र दास तथा 5-6 अन्य कार्यकर्ताओं से मारपीट करते हुए तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने कार्यालय में रखी माँ काली तथा हनुमान जी की प्रतिमा को फेंक कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके साथ ही रविन्द्र नाथ टैगोर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सुभाष चंद्र बोस एवं अन्य महापुरुषों की तस्वीरों को भी इन गुंडों ने लात से मार-मार कर क्षतिग्रस्त कर दिया। जोर-जोर से धमकी देते हुए गुंडों ने मुख्यमंत्री का नाम लेते हुए कहा कि ममता बनर्जी की हार से उनके मुँह पर कालिख पुती है तथा इसके लिए जिम्मेदार और ममता के विरोध में खड़े होने वाले गद्दार हैं, ऐसे किसी भी गद्दार को अब बंगाल में नहीं रहने दिया जाएगा।

लगभग एक बजे दोपहर में 15-20 मिनट तक चले इस उपद्रव की तैयारी में तृणमूल कांग्रेस के गुंडे कल से ही लगे थे तथा रात में लगभग 150 ऐसे लोगों को बाइक से अभाविप प्रांत कार्यालय के बाहर उपद्रव करते देखा गया था। दिन में भी 100 से अधिक ममता के गुंडों ने अभाविप कार्यालय के आसपास घेराबंदी की, जिसकी जानकारी स्थानीय कार्यकर्ताओं ने दी।

अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, “तृणमूल के गुंडों द्वारा अभाविप कार्यालय पर हुए हिंसक हमले में हमारे प्रमुख कार्यकर्ता सुरक्षित हैं, लेकिन जिस प्रकार का हिंसक व्यवहार मुख्यमंत्री तथा उनके गुंडों द्वारा विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद से दिखाया जा रहा है, वह अत्यंत निंदनीय है। आने वाले समय में अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए एकजुट रहकर तथा हर परिस्थिति में हमें राष्ट्रवाद की मशाल को जलाए रखना है। आने वाले समय में बंगाल में परिस्थितियाँ कैसी होने वाली हैं, इसका उदाहरण ममता और उनके गुंडों ने प्रस्तुत कर दिया है, हमें लंबे संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा।”

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