पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ता स्वरूप शॉ की अपहरण के बाद हत्या
बंगाल में भय की राजनीति चरम पर है। विरोधियों पर हमले, अपहरण, मारपीट और उनकी हत्याएं आम हैं। ताजा मामला बंगाल के दुर्गापुर विधानसभा क्षेत्र का है। यहाँ एक भाजपा कार्यकर्ता की अपहरण के बाद निर्मम हत्या कर दी गई। मृतक का नाम स्वरूप शॉ है। स्वरूप पुरुलिया निवासी थे और क्षेत्र में भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे थे।
इससे पहले बंगाल के पर्बस्थली में कृषि कानून 2020 के समर्थन में रैली निकाल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था और उन्हें बुरी तरह पीटा था।
मार्च में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थन में कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सभा के बाद 24 घंटों में चार स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले की घटनाएं प्रकाश में आई थीं। इन घटनाओं में कई भाजपा कार्यकर्ता जख्मी हुए थे।
इससे पहले पश्चिम बंगाल के कालना में भाजपा कार्यकर्ता रॉबिन पॉल पर टीएमसी के गुंडों ने हमला करके उनकी हत्या कर दी थी।
अब फिर अपहरण और उसके बाद हत्या स्वस्थ लोकतंत्र का संकेत तो नहीं। ममता बनर्जी की तुष्टीकरण की राजनीति के चलते बंगाल का सामाजिक सौहार्द तो बिगड़ा ही है, गैर मुस्लिमों में असुरक्षा की भावना भी आई है। ममता बनर्जी पर समय समय पर चुनाव जीतने के लिए नक्सलियों की मदद लेने के आरोप भी लगते रहे हैं।