बृज की पहाड़ियों पर खनन न रुकने पर साधु संतों ने लिया आत्म आहुति का संकल्प
डीग। बृज की पहाड़ियों पर खनन (आदिबद्री व कंकाचल पर्वतीय क्षेत्र) के विरोध में ग्राम पसोपा में साधु संतों की अगुआई में ग्रामीणों का अनिश्चतकालीन धरना 36वें दिन भी जारी रहा। बृज के पर्वतों व पर्यावरण की रक्षा तथा प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए धरना स्थल पर 13 फरवरी से भागवत कथा का आयोजन किया गया। मान मंदिर की बाल साध्वी गौरी व साध्वी मधुबनी ने अपनी ओजस्वी वाणी में कथा वाचन किया। कथा के अंतिम दिन पूर्णाहुति के अवसर पर वहॉं उपस्थित सभी भक्तगणों, ग्रामीणों व साधु संतों ने ब्रज के पर्वतों के लिए चल रहे आन्दोलन रूपी यज्ञ में आवश्यकता पड़ने पर आत्म आहुति देने तक का संकल्प लिया। बाल साध्वी गौरी ने उपस्थित जनसमुदाय को भगवद आश्रय लेकर मानवता की सेवा करने में जीवन व्यतीत करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति का जीवन में आने का फल होता है सब में ईश्वर के दर्शन करते हुए जनमानस की निष्काम सेवा में लग जाना। उन्होंने कहा कि ब्रज के पर्वतों की रक्षा हेतु चल रहा यह आंदोलन प्रकृति को बचाने के लिए किया जाने वाला यज्ञ है। इसमें सभी को निष्काम भाव से अपना हर सम्भव सहयोग देना चाहिए।
मानमंदिर के अध्यक्ष राधाकान्त शास्त्री ने उपस्थित लोगों से लंबे संघर्ष के लिए कमर कसने व हर संभव लड़ाई के लिए तैयार रहने की बात कही व कहा कि यहाँ का खनन माफिया बेख़ौफ़ कानून का उल्लंघन कर ब्रज के पर्वतों का नाश कर रहा है। पुलिस बल पर खननकर्ताओं के हमले आम हैं। प्रशासन खनन माफिया को बचाने में लगा है। सरकार को त्वरित इसका संज्ञान ले कर अविलम्ब ब्रज के पर्वतों को खनन मुक्त करना चाहिए।