बच्चों में भी भगवान राम के मंदिर के लिए निधि समर्पण की होड़
उदयपुर, 06 फरवरी। अयोध्या में बनने जा रहे भगवान राम के भव्य मंदिर के लिए देश भर में चल रहे निधि समर्पण महाभियान में बच्चों का उत्साह भी देखते ही बन रहा है। एक ओर बच्चे अपने मन के राम को कैनवास पर उकेर रहे हैं तो दूसरी ओर अपनी बनाई पेंटिंग निधि समर्पण समिति के कार्यकर्ताओं को भेंट कर रहे हैं। एक बिटिया ने तो अपनी बनाई पेंटिंग को बेचकर प्राप्त हुई जीवन की पहली आय को ज्यों का त्यों भगवान राम के चरणों में समर्पित कर दिया।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र निधि समर्पण समिति के अंतर्गत रामलला के भव्य मंदिर के निर्माण के तहत घर-घर जाकर निधि समर्पण के लिए जुटे कार्यकर्ताओं को प्रतिदिन भावविभोर कर देने वाले अनुभव सामने आ रहे हैं। कहीं बच्चे अपने गुल्लक ला – लाकर कार्यकर्ताओं से इसे लेने का आग्रह कर रहे हैं तो कहीं बच्चे अपने मन के राम उकेर कर उनकी पेंटिंग को कार्यकर्ताओं को दे रहे हैं। बालहठ के आगे कार्यकर्ताओं की भी नहीं चल रहा है, उन्हें बच्चों के मन को रखना ही पड़ रहा है और बच्चों से भी वे निधि समर्पण प्रा%0्त कर उनके साथ जय श्रीराम का जयघोष लगा रहे हैं।
निधि समर्पण समिति के महानगर प्रमुख अशोक प्रजापत ने बताया कि उदयपुर में जगदीश सोनी की पुत्री पूर्वी सोनी ने घर पर पहुंचे कार्यकर्ताओं को उसकी बनाई पेंटिंग से प्राप्त 1100 रुपये की आय प्रभु श्रीराम के कार्य में समर्पित करने का आग्रह किया। पूर्वी ने बताया कि यह उसके जीवन की पहली कमाई है। वहां मौजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख श्रीवर्धन सहित सभी कार्यकर्ता भाव विभोर हो गए और निधि समर्पण प्राप्त किया। इसी तरह, नन्हें से रामभक्त हर्षवर्धन पंवार ने भी दादाजी को समर्पण करते देख स्वयं भी कुछ समर्पण करने की जिद पकड़ ली। आखिर कार्यकर्ताओं को उसका मन रखना पड़ा। उसके नाम 100 रुपये निधि समर्पण प्राप्त कर उसे कूपन प्रदान किया तब जाकर हर्षवर्धन को भी तसल्ली हुई। मोती चैहट्टा निवासी आठवीं के छात्र माधव सोनी ने भी अपना गुल्लक ज्यों का त्यों निधि समर्पण समिति के कार्यकर्ताओं को सौंप दिया। कार्यकर्ताओं ने गुल्लक फोड़ कर उसमें संचित निधि गिनी और उसी अनुरूप श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र का कूपन उसे प्रदान किया।
पानेरियों की मादड़ी निवासी काॅलेज छात्र यश सोनी ने सेवा-समर्पण के भाव से बनाई बाल हनुमान की पेंटिंग कार्यकर्ताओं को समर्पित की। उसने कहा कि उसकी इच्छा थी कि वह अपनी पेंटिंग की कला को भगवान श्रीराम की सेवा में समर्पित करे और इसी भावना से उसने बाल हनुमान के भक्तस्वरूप को कैनवास पर रंगों से सजाया। कई और बच्चों ने भी अपनी बनाई पेंटिंग कार्यकर्ताओं को भिजवाई। उल्लेखनीय है कि स्कूलों में ‘मन के राम’ चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया है। कई बच्चे स्कूल बंद होने के कारण घरों से ही पेंटिंग बनाकर स्कूल भिजवा रहे हैं।
सीता मैया के लिए पायल समर्पण का आग्रह
उदयपुर शहर के भूपालपुरा क्षेत्र में कार्यकर्ता उस समय नतमस्तक हो गए जब एक महिला ने चांदी की पायल सीता मैया के चरणों में समर्पित करने के लिए देनी चाही। यह समर्पण स्वीकार करना संभव नहीं होने के कारण कार्यकर्ताओं को काफी देर तक अनुनय-विनय करनी पड़ी और कार्यकर्ता उन्हें प्रणाम कर आगे बढ़े।