भारतमाला परियोजना : बाड़मेर जिले में 98 प्रतिशत काम पूरा
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना भारतमाला के अंतर्गत बाड़मेर-जिले में 98 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। पहले खंड में 765.52 कराेड़ की लागत से गागरिया-बाखासर खंड एवं साता- गांधव खंड में दो लेन पेव्ड शोल्डर तैयार किया गया है। गागरिया एवं गांधव में फ्लाई ओवर एवं ओवरब्रिज बनाए गए हैं। साथ ही एक आपातकालीन हवाई पट्टी, तीन हैलीपैड्स, वाहनों की आवाजाही के लिए 13 पार पथों, एक फ्लाई ओवर, 65 बस स्टैंड्स, 8 छोटे पुलों व 126 पुलियों का निर्माण किया गया है। एनएच 70 के मुनाबाव-सुंदरा-म्याजलार, धनाना-आसूतार-घोटारू-लोंगेवाला- तनोट खण्ड की कुल लंबाई 273 किमी को दो लेन का कार्य पूरा हो चुका है।
क्या होगा फायदा
पूर्व पीएम वाजपेयी की महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना के पूरा होने से यातायात आसान हो जाएगा। देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और लोगों को रोजगार मिलेगा। शहरों के बीच की दूरी कम होगी। किसानों की फसल समय पर बाजारों तक पहुंच पाएगी। सीमाएं सुरक्षित होंगी, आपातकाल में फाइटर प्लेन उतारे जा सकेंगे।
क्या है भारतमाला परियोजना
यह राष्ट्रीय राजमार्गों को विकसित करने की एक परियोजना है। इसके अंतर्गत नए राजमार्गों के साथ ही उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा जो अब तक अधूरे हैं। भारतमाला के अंतर्गत बनने वाले राजमार्गों की कुल लंबाई 51,000 किलोमीटर होगी। इस परियोजना पर काम की शुरुआत गुजरात और राजस्थान से हुई है। इसके बाद पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार से होते हुए पूर्वोतर के राज्यों और भारत-म्यांमार बॉर्डर तक सड़कें बनाई जाएंगी। पहले चरण में 550 जिले कवर होंगे। अभी सिर्फ 350 जिलों से नेशनल हाइवे गुजरते हैं। 34 जिलों में सड़कों में लेन बढ़ाई जाएगी, जबकि 35 शहरों में लॉजिस्टिक पार्क स्थापित किए जाएंगे।
सड़क विस्तार और विकास की इस परियोजना में सीमा और इंटरनेशनल कनेक्टिविटी वाले प्रोजेक्ट शामिल किए गए हैं। यही नहीं इस परियोजना के अंतर्गत बंदरगाहों (Ports) तक पहुंच और नेशनल कॉरिडोर्स (National Corridors) को विकसित किया जाएगा। पाकिस्तान से सटे सभी प्रदेशों में हाइवे का निर्माण किया जाएगा। गुजरात, राजस्थान और पंजाब में एयरफोर्स और नेशनल हाईवे साथ मिलकर इन हाईवे को तैयार कर रहे हैं। फाइटर प्लेन का ख्याल रखते हुए इन हाइवे पर मोबाइल टॉवर या बिजली के खंभों को नहीं लगाया जाएगा ताकि आवश्यकता पड़ने पर विमान की सफलतापूर्वक लैंडिंग कराई जा सके।