भारत की पहचान हिन्दू राष्ट्र की है – दत्तात्रेय होसबाले
आगरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि भारत की पहचान हिन्दू राष्ट्र की है। भारत की आत्मा भी हिन्दू है। अगर हम सबका डीएनए पूछा जाए तो, वह भी हिन्दू है। भारत में हिन्दू शब्द का अर्थ संप्रदाय नहीं है। कई मत-संप्रदायों का एकीकरण है। एक ही घर में शैव-वैष्णव हो सकते हैं। हिन्दू जीवन पद्धति है। संघ ने इसी जीवन पद्धति का आग्रह किया है। एक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही।
सरकार्यवाह गुरुवार को सिकंदरा स्थित डॉ. एमपीएस स्कूल में कुटुंब प्रबोधन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में चयनित स्वयंसेवकों के परिवार बन्धुओं से वार्ता की।
उन्होंने कहा कि परिवार के बिना राष्ट्र नहीं बन सकता है। समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार है। प्राचीन देश के होने का कारण पहला परिवार भारत में ही विकसित हुआ। हमारे यहां तो भगवान का भी परिवार होता है। जब हम कहते हैं कि ‘वसुंधरा परिवार हमारा’ तो इसकी कल्पना में मानव ही नहीं, जीव-जन्तु भी शामिल हैं। सूर्य-चन्द्र भी हमारे परिवार हैं। चंदा को हम मामा कहते हैं और बिल्ली को मौसी। अपनी भाषा में जो संस्कृति सुगंध है, वह और कहीं नहीं है। भाषा के साथ भूषा और भजन के साथ भोजन का जो समन्वय है, वह भी अन्य किसी राष्ट्र में देखने को नहीं मिलता। संस्कृति की रक्षा के लिए कुटुम्ब प्रबोधन गारंटी है।
उन्होंने कहा कि घर के अंदर हम संस्कार सीखते हैं और यह संस्कार हमारे लिए जीवन भर काम आते हैं। भारत ने विश्व को योग दिया, आयुर्वेद दिया. कुटुम्ब पद्धति भारत की देन है। जबकि भारत के बाहर आंटी और कजन शब्दों का बोलबाला है। हमारे रिश्तों के शब्द भी 50 से अधिक हैं। ‘वयं अमृतस्य पुत्रः’ हमारी पहचान ऋषियों से है, हमारे गोत्र ऋषियों के नाम पर हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में एक प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम में वहां रहने वाले हिन्दुओं से आग्रह किया था कि ब्रिटिश नागरिकों को भारतीय कुटुम्ब पद्धति सिखाएं।