मकर संक्रांति

राम गोपाल पारीक

मकर संक्रांतिमकर संक्रांति

किया धर्म तो पुण्य मिलेगा,

ऐसे जनता मानती।

प्रतीक्षा की घड़ियां बीतीं,

लो आई संक्रांति॥

 

पौष मास में जिस दिन सूरज,

मकर राशि में आता है।

भारत के हर कोने में,

यह त्यौहार मनाया जाता है॥

 

दक्षिण भारत में पोंगल है,

हरियाणा, पंजाब लोहड़ी।

उत्तर भारत में बनी खिचड़ी,

ऐसी है संक्रांति॥

 

तिल लड्डू पकवान बने हैं,

आसमान सतरंगा है।

डुबकी लेते पाप छोड़ते,

मोक्षदायिनी गंगा है॥

 

ग्रहों के राजा सूर्य देव को,

यह त्यौहार समर्पित है।

सब ऋतुओं से हमने पाया,

वह आपको अर्पित है॥

 

हे सृष्टि के मालिक हम तो,

यही कामना करते हैं।

सब का जीवन आलोकित हो,

आस तुम्हीं से करते हैं।

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