मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाने की मांग, कलक्टर को ज्ञापन दिया
जयपुर, 29 जुलाई। मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाने की मांग को लेकर राम सेवा संघ के पदाधिकारियों ने आज कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि ध्वनि प्रदूषण मुक्त नींद का अधिकार जीवन के मूल अधिकारों का हिस्सा है। किसी को भी अपने मूल अधिकारों के लिए दूसरे के मूल अधिकारों का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं है। एक निश्चित फ्रीक्वेंसी से तेज आवाज में बिना अनुमति कुछ भी बजाने की छूट किसी को भी नहीं है। ऐसे में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक स्पीकर की आवाज पर रोक का कानून है। सिर्फ वही मस्जिदें लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर सकती हैं, जिन्हें अनुमति मिली है। अतः उन सभी लाउडस्पीकर को हटवाया जाए जो बिना अनुमति के मस्जिदों पर लगे हुए हैं।
ज्ञापन में बताया गया है कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 स्वस्थ जीवन का अधिकार देता है। अनुच्छेद 19 (1) (अ) वाक अर्थात् बोलने व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी को भी दूसरे को जबरन कुछ भी सुनाने का अधिकार नहीं देता है। अनुच्छेद 25 में सभी को अपने पंथ सम्प्रदाय के कानून सम्मत तरीके से प्रसार की छूट है। जबकि धार्मिक मान्यताओं के अंतर्गत इस्लाम और स्वीकृत हदीस में कहीं भी इस बात का विवरण नहीं मिलता की अजान लाउडस्पीकर के माध्यम से दी जाए। अजान इस्लाम का एक अनिवार्य और अभिन्न अंग हो सकता है, लेकिन लाउडस्पीकर या अन्य ध्वनि-प्रवर्धक उपकरणों के माध्यम से अजान करना धर्म का अभिन्न अंग नहीं कहा जा सकता है।
लाउडस्पीकर धर्म का अभिन्न अंग नहीं हो सकता है। वैसे भी भारत में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए निश्चित फ्रीक्वेंसी से अधिक तेज आवाज बिना अनुमति बजाने की छूट नहीं है। रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक स्पीकर की आवाज पर रोक का कानून है। ध्वनि प्रदूषण (नियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के नियम 5 (1) में भी स्पीकर और लोक संबोधन प्रणाली का प्रयोग केवल तभी किया जाएगा जब प्राधिकरण से लिखित अनुज्ञा अभिप्राप्त की गई हो। अतः भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 व 25 का उल्लंघन मानते हुए लाउडस्पीकर शीघ्र मस्जिदों से हटवाए जाएं। इस दौरान समिति के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र मीणा, प्रदेश मंत्री अभिषेकसिंह, राधारमण शर्मा, रघुवीर जांगिड़, राकेश यादव आदि उपस्थित रहे।
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