मुंबई पुलिस पर निधि समर्पण अभियान से संबंधित बैनर हटाने का आरोप
मुंबई में पुलिस एक बार फिर विवादों में घिरी है। पुलिस द्वारा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान के निमित्त लगाए बैनर हटाने का मामला प्रकाश में आया है। कहा जा रहा है कि पुलिस ने एक स्थानीय नेता के दबाव के चलते कार्रवाई की। कार्रवाई के विरोध में विहिप कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
पश्चिमी मुंबई के मालाड उपनगर के मालवाणी क्षेत्र में शुक्रवार देर रात विश्व हिन्दू परिषद के तीन कार्यकर्ताओं ने दो पुलिस कर्मचारियों को श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान हेतु लगाए बैनर उतारते हुए देख लिया और उनका विरोध करने लगे। एक कार्यकर्ता ने घटना की वीडियो बनाना शुरू कर दिया। यह देख तिलमिलाए पुलिस कर्मियों ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि ऊपर से दबाव के चलते यह कार्यवाही की जा रही है, इसके बाद पुलिस ने विहिप के दो कार्यकर्ताओं देव गोस्वामी, और संदीप सिंह को हिरासत में लिया।
घटना की जानकारी मिलने पर विश्व हिन्दू परिषद, भारतीय जनता पार्टी तथा अन्य सामाजिक धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ता पुलिस थाने में जमा हुए और उन्होंने पुलिस के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू किया। धरना प्रदर्शन के कारण पुलिस के तेवर कुछ ढीले पड़े और, ‘यह बैनर वादग्रस्त है तथा सर्वसामान्य की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं’, ऐसा कारण बताते हुए उन्होंने बैनर वापिस नहीं किए, लेकिन कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया।
सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें बैनर हटाए जाने तथा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के विरोध में कार्यकर्ता पुलिस स्टेशन में धरने पर बैठे हैं।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण हेतु निधि समर्पण अभियान 15 जनवरी से देशभर में प्रारंभ हो गया है, जो माघ पूर्णिमा यानि 27 फरवरी तक चलेगा। इसी अभियान के निमित्त क्षेत्र में बैनर लगाए गए थे, जिन्हें पुलिस ने उतार दिया।
स्मरण रहे कि कुछ समय पूर्व एक वर्ग के लोगों के कारण मालवाणी क्षेत्र से नौ दलित हिन्दू परिवारों ने पलायन किया था।