हमारे पूर्वजों ने अस्तित्व की लड़ाई लड़ी, हम भारत का सही विचार स्थापित करने की लड़ रहे

हमारे पूर्वजों ने अस्तित्व की लड़ाई लड़ी, हम भारत का सही विचार स्थापित करने की लड़ रहे

हमारे पूर्वजों ने अस्तित्व की लड़ाई लड़ी, हम भारत का सही विचार स्थापित करने की लड़ रहेहमारे पूर्वजों ने अस्तित्व की लड़ाई लड़ी, हम भारत का सही विचार स्थापित करने की लड़ रहे- सामंत

उदयपुर, 30 मार्च 2024। प्रखर वैचारिक चर्चा व स्पष्टता प्राप्त करने का दो दिवसीय उत्सव, मेवाड़ टॉक फेस्ट 2.0 आज मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में बप्पा रावल सभागार में प्रारम्भ हुआ। लक्ष्मीनारायण भाला ‘लक्खी दा’ और रश्मि सामंत की चर्चाओं में युवाओं की सहभागिता रही। कल बंगाल 1947 फिल्म की स्क्रीनिंग आकर्षण का केंद्र रहेगी।

शुभारंभ सत्र की मुख्य अतिथि कश्ती फाउंडेशन प्रमुख श्रद्धा मुर्डिया ने वाग्देवी सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उदीयमान भारत विषय पर आयोजित यह उत्सव नन्हीं बालिकाओं निर्वि और नित्या द्वारा गणेश वंदना पर नृत्य प्रस्तुति के साथ शुरू हुआ। इस दौरान मेवाड़ टॉक फेस्ट की समन्वयक रुचि ने फेस्ट के आयोजन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। मिशा ने एआई आधारित पुस्तक तथा रौनक ने राष्ट्रीय स्वत्व के लिए संघर्ष का परिचय करवाया। कार्यक्रम का संचालन आयुषी ने किया।

रश्मि सामंत ने उडुपी से ऑक्सफोर्ड तक की यात्रा व संघर्ष पर की चर्चा 

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की पहली महिला छात्रसंघ अध्यक्ष व A Hindu in Oxford की लेखिका रश्मि सामंत ने आज मेवाड़ टॉक फेस्ट के शुभारंभ सत्र में भारत के टेंपल टाउन उडुपी से ऑक्सफोर्ड तक की अपनी यात्रा के बारे में बताया और कहा कि ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने इस विश्वविद्यालय में पढ़ने की उत्कंठा पैदा की। मेकेनिकल इंजीनियरिंग की छात्रा के रूप में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन करते हुए उन्होंने गणेश प्रतिमा के नीचे लिखी इबारत से सनातनी संस्कृति के प्रति पाश्चात्य अवधारणा और अपने कटु अनुभवों की शुरुआत की जानकारी दी। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की पहली महिला छात्रसंघ अध्यक्ष बनने, इस्तीफा देने व उसके बाद तक के संघर्ष के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी संस्कृति ने पग पग पर हमारे इतिहास, कला, संस्कृति और सनातनी मूल्यों पर हमला किया है। ऑक्सफोर्ड के इन्हीं कटु अनुभवों ने वहां पर क्रांति का बिगुल बजाने की शुरुआत की।

इस सत्र में उन्होंने युवाओं द्वारा पराधीनता की मानसिकता को त्यागने व नेतृत्व क्षमता का विकास करने की आवश्यकता जताई और सकारात्मक चिंतन व दृढ़ संकल्पों के साथ सफलता के लिए प्रयास करने को प्रेरित किया। रश्मि सामंत के चर्चा सत्र के मॉडरेटर सुखाड़िया विश्विद्यालय के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष व साहित्यकार डॉ. कुंजन आचार्य थे। इस अवसर पर सामंत ने उपस्थित सज्जनों के प्रश्नों के भी खुलकर उत्तर दिए।

लक्ष्मीनारायण भाला ने बताया संविधान में राम, कृष्ण के चित्रों का उद्धेश्य 

मेवाड़ टॉक फेस्ट के दूसरे सत्र में संविधान विशेषज्ञ, समाजसेवी एवं साहित्य सृजक लक्ष्मीनारायण भाला ‘लक्खी दा’ ने भारत के संविधान के भीतर भगवान राम और कृष्ण के साथ ही सनातन संस्कृति व ऐतिहासिक घटनाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले चित्रों के बारे में बताया तथा संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की। लेखक संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, असमिया, बांग्ला, मराठी, नेपाली, मारवाड़ी, उड़िया तथा गुजराती लिपि के भी अच्छे जानकार भाला ने अपनी पुस्तक ‘संविधान भाव एवं रेखांकन’ पर चर्चा करते हुए बताया कि संविधान के विविध पृष्ठों पर चित्रकार नन्दलाल बोस द्वारा उकेरे गए चित्र सजावट के लिए नहीं अपितु प्रत्येक पृष्ठ की विषय वस्तु और परिवेश के आधार पर रचे गए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के हर एक पृष्ठ और उस पर उकेरे गए चित्र के पीछे का एक विशिष्ट भाव है जो पृष्ठ की विषयवस्तु व भावों को प्रतिध्वनित करता है। उन्होंने चित्रकार नंदलाल बोस के कला कौशल की भी प्रशंसा की। संविधान में चित्रों के भावों पर आधारित पुस्तक के लेखन की पृष्ठभूमि भी बतायी और इसकी विषयवस्तु पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने संविधान के निर्माण की कहानी भी प्रस्तुत की। इस दौरान भाला ने संभागियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। भाला के सत्र की मॉडरेटर लॉ कॉलेज की अधिष्ठाता राजश्री थीं।

राम जन्मभूमि पुस्तक का हुआ विमोचन 

कार्यक्रम दौरान मुख्य अतिथि कश्ती फाउंडेशन प्रमुख श्रद्धा मुर्डिया, लक्ष्मीनारायण भाला, बीपी शर्मा, मदनमोहन टांक, गोविंद अग्रवाल आदि ने रश्मि सामंत की सद्य प्रकाशित हिंदी पुस्तक ‘रामजन्मभूमि’ का विमोचन किया और इसके सफल प्रकाशन की शुभकामनाएं दी।

बुक स्टॉल में जुटे लोग 

मेवाड़ टॉक फेस्ट में युवाओं को स्तरीय पुस्तकों और साहित्य के प्रति अनुरागी बनाने के उद्देश्य से पुस्तक स्टॉल का आयोजन भी किया गया। इसमें 11 प्रकाशकों की 1 हजार से अधिक पुस्तकें प्रदर्शित की गईं। फेस्ट में भाग लेने पहुंचे लोगों ने विभिन्न विषयों यथा जीवनी, साहित्य, उपन्यास, धार्मिक, विज्ञान, इतिहास, कला-संस्कृति के साथ-साथ प्रेरणादायी पुस्तकों का अवलोकन किया और बड़ी संख्या में पुस्तकों की खरीद भी की।

आइनोक्स में होगी ‘बंगाल 1947’ फिल्म की स्क्रीनिंग 

फेस्ट समन्वयक रुचि श्रीमाली ने बताया कि रविवार को फेस्ट का तीसरा सत्र होगा जो प्रातः 9.30 बजे से प्रारम्भ होकर 1 बजे तक रहेगा। इस सत्र के अंतर्गत आइनोक्स में ‘बंगाल 1947’ फिल्म की स्क्रीनिंग होगी। इसके लिए इच्छुक दर्शक ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं। इस दौरान दर्शक फिल्म के निर्माता आदित्य आकाश लामा और अभिनेता से चर्चा कर सकेंगे।

रामजन्मभूमि पुस्तक का विमोचन करते अतिथि
रामजन्मभूमि पुस्तक का विमोचन करते अतिथि

मेवाड़ टॉक फेस्ट में उपस्थित युवा चिंतक व प्रबुद्धजन

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