राजस्थान में कृषि कानूनों के विरुद्ध बंद बेअसर, खुले बाजार, हुआ कारोबार
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जयपुर, 27 मार्च। केन्द्रीय कृषि कानूनों के विरुद्ध किसान नेताओं की ओर से शुक्रवार को प्रदेश में बुलाया गया बंद राज्य के विभिन्न शहरों, कस्बों व गांवों में बेअसर रहा। हरियाणा-पंजाब से सटे शाहजहांपुर और हनुमानगढ़ समेत एक-दो जगह बंद का असर दिखा, शेष पूरे प्रदेश में बाजार और मंडियां खुलीं तथा कारोबार हुआ।
किसान आंदोलन के नेतृत्व की ओर से राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान राजस्थान में शुक्रवार को पूरी तरह बेअसर रहा। शुक्रवार को दोपहर तक हरियाणा से सटे प्रदेश के एक- दो जिलों के सीमावर्ती इलाकों को छोडक़र जयपुर समेत पूरे प्रदेश में मंडी और बाजार पूरी तरह खुले रहे। हनुमानगढ़ और शाहजहांपुर बॉर्डर पर बंद के आह्वान का असर दिखाई दिया। यहां किसान नेताओं ने दुकानें बंद कराई। जयपुर में सुबह से ही बाजार खुले रहे। यहां अन्य दिनों की तरह सामान्य कामकाज हुआ तथा ऑफिस व बैंक भी खुले रहे। पंजाब से सटे हनुमानगढ़ में किसान नेताओं ने घूम-घूम कर बाजारों में शटर डाउन कराए। यहां किसान नेताओं ने मंडियां बंद करा दीं। हनुमानगढ़ में सुबह मंडी खुलने लगी थी, लेकिन किसान नेताओं ने ऐसा नहीं होने दिया। जगह-जगह समूह बनाकर किसानों ने न केवल मंडियों को बंद करा दिया, बल्कि शहर के बाजारों में भी शटर डाउन कराए।
बीकानेर में बंद का आंशिक असर ही रहा। शहर में दोपहर होने के साथ ही सभी दुकानें खुलनी शुरू हो गईं। ग्रामीण क्षेत्रों में अकेले लूणकरनसर में बंद का असर नजर आया। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक गिरधारी महिया के श्रीडूंगरगढ़ में भी बंद पूरी तरह बेअसर रहा। कोटा में भारत बंद का असर नहीं रहा। बाजारों में दुकानें खुली रही। रैली में गिनती के किसान व महिलाएं मौजूद थीं। प्रदर्शनकारियों से ज्यादा पुलिस कर्मियों की संख्या रही। इससे पहले किसान संघर्ष समन्वय समिति की अगुवाई में किसानों ने सुबह साढ़े छह बजे कृषि उपज मंडी समिति (फल-सब्जी) बंद करवा दी और गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए। इसके बाद रैली निकाली। रैली में किसान संगठन के लोग व्यापारियों से दुकान बंद करने की अपील करते रहे।
जोधपुर में भी बंद बेअसर रहा। जोधपुर में किसानों ने बाजार तो बंद नहीं करवाए। बाड़मेर रोड पर डीपीएस चौराहा, नागौर रोड पर आईआईटी के पास और जयपुर रोड पर बनाड़ तिराहे पर रास्ता जाम किया। किसानों ने सडक़ों पर नारेबाजी की। बनाड़ स्टेशन पर किसानों ने ट्रेन भी रोकी। हालांकि, शहरी क्षेत्र में इसका असर नहीं दिखा। भारत बंद का भरतपुर में कोई असर नहीं रहा। सरसों और अनाज मंडियों में रोजाना की तरह किसान माल लेकर आए। वहीं टोल पर भी ट्रैफिक सामान्य रहा। मंडी आए किसानों ने कहा कि नए कृषि कानून से कोई नुकसान नहीं है। यह आंदोलन राजनीति से प्रेरित है। इसलिए यहां इसका कोई असर नहीं है।