राजस्थान में धारा 144 : पर्वों पर आयोजनों के लिए प्रशासन से लेनी होगी अनुमति

राजस्थान में धारा 144 : पर्वों पर आयोजनों के लिए प्रशासन से लेनी होगी अनुमति

 

राजस्थान में धारा 144 : पर्वों पर आयोजनों के लिए प्रशासन से लेनी होगी अनुमतिराजस्थान में धारा 144 : पर्वों पर आयोजनों के लिए प्रशासन से लेनी होगी अनुमति

जयपुर, 8 अप्रैल। हिंदू नववर्ष पर राज्य के करौली जिले में शोभायात्रा के दौरान हुए पथराव और हिंसा के बाद राज्य सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया है। इसके अंतर्गत अब राज्य में धार्मिक त्योहारों, जयंतियों पर शोभायात्रा, प्रदर्शन, सार्वजनिक कार्यक्रम और जुलूस के लिए संबंधित उपखंड अधिकारी की अनुमति लेनी आवश्यक कर दी गई है। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने इस संबंध में शुक्रवार को विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं।

नव संवत्सर पर करौली जिले में वाहन रैली के दौरान मुस्लिम बहुल क्षेत्र में मुसलमानों द्वारा पथराव व आगजनी किए जाने के बाद माहौल खराब हो गया था। इसके बाद सरकार ने यहां कर्फ्यू लगा दिया था। अब शांति बहाल होने के बाद कर्फ्यू में ढील शुरू की गई है साथ ही सरकार ने इस तरह के आयोजनों को लेकर कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिनके अंतर्गत प्रदेश में अब सार्वजनिक कार्यक्रम, शोभायात्रा, प्रदर्शन के सम्बन्ध में आयोजकों को एसडीएम, एडीएम या अन्य प्राधिकृत अधिकारी से मंजूरी लेनी होगी। मंजूरी के लिए निर्धारित प्रारूप में संबंधित अधिकारी को प्रार्थना-पत्र व शपथ-पत्र प्रस्तुत करना होगा। एसडीएम, एडीएम और अन्य प्राधिकृत अधिकारी प्रार्थना-पत्र के तथ्यों का सम्बन्धित थानाधिकारी से सत्यापन करवाएंगे। एसडीएम, एडीएम और अन्य प्राधिकृत अधिकारी प्रार्थना-पत्र को निस्तारित करते समय डीजीपी की ओर से जारी निर्देशों में वर्णित बिन्दुओं एवं समय-समय पर गृह विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखेंगे।

आदेशों में कहा गया है कि एसडीएम, एडीएम और अन्य प्राधिकृत अधिकारी ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम के प्रार्थना-पत्र को निस्तारित करते समय राजस्थान ध्वनि नियंत्रण नियम 1964 के प्रावधानों को भी ध्यान में रखेंगे तथा ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम की स्वीकृति निर्धारित प्रारूप में देंगे। उन्हें प्रार्थना-पत्र की निस्तारण की सूचना सम्बन्धित जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक या उपायुक्त को देनी होगी। इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत कार्यवाही करने की चेतावनी भी दी गई है।

गृह विभाग की ओर से जारी इन दिशानिर्देशों के अंतर्गत अब आयोजक को अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड के साथ संस्था के नाम रजिस्ट्रीकरण की जानकारी भी देनी होगी। आयोजनों के प्रकार जैसे धार्मिक, सामाजिक, उत्सव, जुलूस, राजनीतिक प्रदर्शन आदि की जानकारी देनी होगी। आयोजन शुरू होने से लेकर समाप्त होने की तारीख व समय तथा कार्यक्रम में शामिल होने वालों की संख्या बतानी होगी। दिन में आने वाले वीवीआईपी व्यक्तियों के नाम व पद के साथ रैली-जुलूस के गुजरने का मार्ग विवरण बताना होगा। प्रतिबंधित हथियारों के उपयोग नहीं करने का शपथ पत्र देना होगा।

दिशा निर्देशों के अनुसार स्वीकृति के लिए शपथ पत्र दिया जाएगा कि आयोजन, कार्यक्रम शांतिपूर्वक होगा। आयोजन में कोई हथियार जो पूर्णत: प्रतिबन्धित है, का प्रयोग नहीं किया जायेगा। जिस स्थान पर आयोजन किये जाने की अनुमति प्राप्त हुई है, उस स्थान पर ही आयोजन किया जाएगा। जिस मार्ग पर आयोजन के गुजरने की अनुमति प्राप्त हुई है, उस मार्ग का ही प्रयोग किया जायेगा। प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक जंक्शन पर स्वयंसेवक या कार्यकर्ता उपस्थित किये जायेंगे। आयोजन में कोई उत्तेजनात्मक या किसी की धार्मिक या अन्य भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कृत्य नहीं किये जायेंगे। आयोजन से राज्य सरकार या किसी व्यक्ति को कोई वित्तीय, मानसिक शारीरिक क्षति, हानि होती है, तो उसके लिये पूर्ण रूप से जिम्मेदारी ली जायेगी। कानून व्यवस्था बनाये रखने वाली संस्थाओं यथा पुलिस एवं प्रशासन के निर्देशों की अक्षरश: पालना की जाएगी।

उल्लेखनीय है अप्रैल-मई में रामनवमी, नवरात्रा, हनुमान जयन्ती, महावीर जयन्ती आदि अनेक पर्व मनाए जाते हैं। जिनमें जुलूस, शोभायात्राओं व वाहन रैलियों आदि का आयोजन किया जाता है। सरकार के इस आदेश से ये सभी त्योहार प्रभावित होंगे।

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