राजस्थान के 8 जिलों में वैक्सीन वेस्टेज के आंकड़े भयावह

राजस्थान के 8 जिलों में वैक्सीन वेस्टेज के आंकड़े भयावह

राजस्थान के 8 जिलों में वैक्सीन वेस्टेज के आंकड़े भयावह

राजस्थान में कोविड वैक्सीन की वेस्टेज के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार 8 जिलों के 35 वैक्सीनेशन सेंटरों पर 500 वायल में लगभग 2500 से भी ज्यादा डोज तो केवल डस्टबिन में मिले हैं। ये वायल 20-75% तक भरे हुए थे। ताजा आँकड़ों के अनुसार 2021 में 16 जनवरी से लेकर 17 मई तक राज्य में 11.50 लाख से भी अधिक कोविड-19 वैक्सीन की डोज की बर्बाद हुई है। सबसे बुरी स्थिति राजस्थान के चूरू जिले की है। जिले में 39.7% वैक्सीन की डोज बर्बाद कर दी गई। जयपुर प्रथम में 4.67% और द्वितीय में 1.31% वैक्सीन की डोज बर्बाद कर दी गई। हनुमानगढ़ में 24.60 प्रतिशत वैक्सीन तो भरतपुर में 17.13%, कोटा में 16.71%, चित्तौड़गढ़ में 11.81%, जालौर में 9.63%, सीकर में 8.83%, अलवर में 8.32% और धौलपुर में 7.89% वैक्सीन बर्बाद हो गई।

माना कि बड़ी वैक्सीनेशन ड्राइव में कुछ सीमा तक वैक्सीन की बर्बादी होती है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में वेस्टेज होने पर जवाबदेहों पर सवाल तो उठते हैं। एक ओर राज्य सरकार वैक्सीन की कमी बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है और दूसरी ओर स्वयं इस तरह की बर्बादी भी नहीं रोक पा रही। वैक्सीन की एक डोज की वेस्टेज का अर्थ है, एक जीवन को सुरक्षा कवच नहीं दे पाना। महामारी की दूसरी लहर ने बता दिया कि वैक्सीन का कितना महत्व है। वेस्टेज से लोगों का सुरक्षा कवच तो प्रभावित होता ही है सप्लाई चेन पर भी खासा असर पड़ता है। वैक्‍सीन वेस्‍टेज यदि बहुत अधिक है तो इसकी मांग बढ़ती जाएगी और गैर-आवश्यक मात्रा में इसे खरीदना पड़ेगा। आज जब सवा अरब नागरिकों का वैक्सीनेशन होना है तो ऐसे में एक डोज के महत्व व उसकी कीमत को आसानी से समझा जा सकता है।

वैक्सीन की बर्बादी पर मेजर सुरेंद्र पूनिया ने ट्वीट किया- ‘राहुल गांधी जी पूछ रहे थे कि हमारे बच्चों का वैक्सीन कहॉं है? तो राहुल जी राजस्थान आकर देखिए वह कचरे के डिब्बों में है।’

राजस्थान के 8 जिलों में वैक्सीन वेस्टेज के आंकड़े भयावह

भाजपा की राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर ने वैक्सीन की बर्बादी व कालाबाजारी का मुद्दा उठाते हुए ट्वीट किया, ‘राजस्थान में गैरजिम्मेदार सरकार की वजह से न सिर्फ वैक्सीन की कालाबाजारी हुई, बल्कि खुराक भी बर्बाद हो गई। यह है आपदा के समय अशोक गहलोत का कुशासन।’

भाजपा के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राष्ट्रीय प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘राजस्थान में वैक्सीन की 11.50 लाख डोज बर्बाद हो चुकी हैं। चूरू जिले में लगभग 40 प्रतिशत वैक्सीन बर्बाद हो गई। ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और वेंटिलेटर को लेकर राजस्थान में भी इसी तरह की लापरवाही देखने को मिली। दूसरी तरफ, राहुल गांधी केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं और घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।’

दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि राज्यों से लगातार आग्रह किया जा रहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके यहॉं सप्लाई की गई कुल वैक्सीन में से एक प्रतिशत से भी कम बर्बाद हो। जिन राज्यों में वैक्सीन की अधिक बर्बादी हो रही है वे टीकाकारण अभियान को सही तरीके से चलाएं। बर्बादी का एक कारण जानकारी का अभाव भी है। इन राज्यों को वैक्सीनेशन में किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचना चाहिए। एक वैक्सीन बर्बाद होने का अर्थ है कि कोई व्यक्ति इसकी डोज से वंचित रह जाएगा।

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