देश की छवि को धूमिल करने वालों को आइना दिखाना होगा- राज्यपाल धनखड़
राज्यपाल धनखड़ धानक्या में
जयपुर, 25 सितम्बर। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि मेरे लिए धानक्या आना तीर्थ यात्रा है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो चुनौतियां और समस्याएं हैं, उनका सामना करने के लिए मैं यहां से ऊर्जित होकर और अधिक ताकत के साथ जा रहा हूं। लड़ाई कितनी ही मुश्किल हो, लड़े बिना काम नहीं चलता। उन्होंने कहा कि मैं उस भूभाग का राज्यपाल हूं, जहां लोगों को इस बात के लिए दंडित किया जाता है कि आपने प्रजातंत्र में अपनी मर्जी से वोट देने की हिमाकत कैसे की। उन्होंने कहा कि जो लोगों को भ्रमित कर देश की छवि को धूमिल कर रहे हैं, उन्हें आगे आकर आइना दिखाना होगा।
राज्यपाल धनखड़ शनिवार को जयपुर के धानक्या ग्राम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति की ओर से आयोजित दीनदयाल की 105वीं जयंती पर एक व्याख्यान में बोल रहे थे। उन्होंने आह्वान किया कि मीडिया सही स्थिति का आंकलन करे। पत्रकारिता की सक्रियता से अफ्रीका के बहुत से देशों को आजादी मिली है, लेकिन पत्रकारिता की निष्क्रियता और बंधन प्रजातंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
उन्होंने कहा कि दीनदयाल ने जो बीज बोया था, उस पर समर्पित हुए बिना हम ना संस्कृति को बचा पाएंगे, ना आजादी को बचा पाएंगे और ना ही प्रजातंत्र को फलीभूत कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल का कोई भूभाग नहीं है, जहां आजादी की लड़ाई में लोगों ने अपने जीवन की आहुति नहीं दी हो, लेकिन विडंबना है कि आजादी के बाद यह ज्ञान दिये जाने लगा कि आजादी कुछ ही लोगों ने दिलाई। उन्होंने कहा कि यह सुअवसर है, हम आजादी के उन लोगों को पहचानें। उनके बारे में ज्ञान प्राप्त करें, जिन्होंने आजादी के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में उल्लेखित इंडिया देट इज भारत, इससे आगे नहीं बढ़ पाया है। जब तक हम मौलिक मुद्दों तक नहीं जाएंगे तब तक आगे बढ़ना बहुत मुश्किल है।
पश्चिम बंगाल में हो रहे मानवाधिकारों के हनन की ओर इशारा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मानवाधिकारों का संरक्षण जरूरी है। अधिकारों का हनन हो और प्रशासन और न्यायालय से सहायता नहीं मिले, तो व्यक्ति कहां जाए। प्रशासन उन लोगों की मदद करता है, जो अधिकारों का हनन कर रहे हैं। मानवाधिकारों का हनन सुनियोजित षड़यंत्र है, जो खास राजनीतिक उपलब्धि के लिए किया जाता है। यह भारत के संविधान पर कुठाराघात है। पश्चिम बंगाल में वे लोग जो चैन की नींद सोते हैं और बेपरवाह हैं, उन्हें प्रशासन कुछ नहीं कहेगा। दूसरे वो जो एक पल भी नहीं सो पाते हैं, उनको डराता है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सीबीआई दफ्तर में धरना देती है और कहती है कि मुझे गिरफ्तार करो या इन्हें छोड़ो। यह घटना किसी अन्य राज्य में होती तो पता नहीं क्या हो जाता। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति हजारों साल पुरानी है, दुनिया में भारत को इज्जत के साथ देखा जाता है। यहां के प्रधानमंत्री जिस प्रकार का काम कर रहे हैं, उनका लोहा दुनिया मानती है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि दीनदयाल की जन्म स्थली स्मारक एक राष्ट्रीय तीर्थ रूप में विकसित हो रही है, यह भविष्य में समाज जागरण, सेवा, स्वाध्याय, स्वावलंबन और समरसता के केन्द्र के रूप में विकसित होगा। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद देश के लिए समर्पित हो गए, वे प्रशासनिक सेवा में नहीं गए। वे विषमता से समता और भेदभाव से समभाव की ओर देश को ले जाना चाहते थे। भारत को फिर से खड़ा करना चाहते थे। भारत की प्रेरणाओं से भरा उनका जीवन था। दीनदयाल के लिखे अधिकांश प्रस्तावों पर भारत की नरेन्द्र मोदी सरकार काम कर रही है। उन्होंने देश के लिए नूतन चिंतन दिया। एकात्म मानवदर्शन भारत के राष्ट्रवाद की संकल्पना थी। दीनदयाल ने कहा शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा के समन्वयन का दर्शन ही एकात्मदर्शन है। दीनदयाल के अंत्योदय को लेकर देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो काम किया है, वह अतुलनीय है।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल का भारत हमें दिख रहा है, हम जानते हैं किस प्रकार हमें आजादी मिली। देश को आजादी दिलाने वाले नाम और अनाम अगिनत योद्धाओं ने अपना बलिदान दिया है। आजादी का अमृत महोत्सव ऐसे बलिदानियों को स्मरण करने का अवसर है।
केन्द्रीय कला एवं संस्कृति मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष मनाने पर बनाई समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था आजादी का अमृत महोत्सव ऐसा होने चाहिए जिसमें विश्लेषण भी हो और चिंतन भी हो। प्रधानमंत्री की सोच थी कि उन्होंने उत्सव को आजादी का अमृत उत्सव नाम दिया, इसमें भारतीयता की झलक स्पष्ट है। पंडित दीनदयाल ने कहा था हमारा चिंतन भारतीयता के आधार पर होना चाहिए। इसी आधार पर उन्होंने एकात्म मानववाद का सिद्धांत रखा। उन्होंने घोषणा की पंडित दीनदयाल स्मारक स्थल पर संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से भव्य ऑडिटोरियम का निर्माण कराया जाएगा।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति के अध्यक्ष प्रो. मोहनलाल ने छीपा ने समिति के कार्यों और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में पैरालिंपिक में पदक विजेता अवनि लखेरा और देवेन्द्र झाझड़िया का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम को जयपुर जिला प्रमुख रमा चोपड़ा ने भी संबोधित किया।