राममंदिर में होने वाली पहली आरती और महायज्ञ के लिए जोधपुर से जाएगा 600 किलो देशी घी
राममंदिर में होने वाली पहली आरती और महायज्ञ के लिए जोधपुर से जाएगा 600 किलो देशी घी
22 जनवरी 2024 का दिन रामभक्तों के लिए विशेष रहने वाला है। इस दिन रामलला अयोध्या के मुख्य मंदिर के गर्भगृह में विराजेंगे। इसके साथ ही रामभक्तों की दशकों की प्रतीक्षा का अंत हो जाएगा। मंदिर को भव्य तथा उद्घाटन को आकर्षक बनाने के लिए प्रत्येक राज्य व जिला अपने अपने अनुसार योगदान दे रहा है। इनमें राजस्थान का विशेष स्थान है। राजस्थान के भरतपुर के बंशी पहाड़ के पत्थर मंदिर में लगने के बाद अब जोधपुर का पिंक स्टोन यहॉं अपनी छटा बिखेरेगा। दरअसल “इंडिया या भारत” की चर्चा के बीच जोधपुर के व्यवसायी रामभक्त हिम्मत सिंह सोलंकी ने पिंक स्टोन से “भारत” लिखा लोगो तैयार किया है। भारत नाम से बने इस प्रथम स्मृति चिन्ह को 12 सितंबर को उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के लिए समर्पित किया है। इसमें ऊपर ‘हमारा देश हमारा नाम’ और नीचे ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ लिखा हुआ है। इसका वजन लगभग 7 किलो है। इसे अयोध्या के कारसेवक पुरम में रखा गया है।
दूसरी ओर जोधपुर के ही रामभक्त श्रीश्री महर्षि संदीपनी महाराज का एक संकल्प सामने आया है। महाराज 20 वर्षों से अपनी गोशाला की गायों का घी इकट्ठा कर रहे हैं। उन्होंने संकल्प लिया था कि अयोध्या में जब भी राम मंदिर बनेगा, तो आरती के लिए देशी गाय का शुद्ध घी वे ही लेकर जाएंगे।
उनका वह संकल्प पूरा होने वाला है। राममंदिर में होने वाली पहली आरती और महायज्ञ में जिस घी का उपयोग होगा, वह जोधपुर से उनकी गोशाला से भेजा जाएगा। इसी घी से मंदिर की अखंड ज्योत भी प्रज्ज्वलित की जाएगी। अयोध्या भेजा जाने वाला यह 600 किलो घी किसी ट्रेन, बस या कार से नहीं बल्कि 108 रथों में भेजा जाएगा, जिनमें 216 बैल होंगे। ये सभी रथ 27 नवंबर को जोधपुर से घी लेकर अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे।
जोधपुर से अयोध्या की दूरी 1150 किलोमीटर है। यह दूरी रथ यात्रा द्वारा 21 दिनों में पूर्ण की जायेगी। प्रत्येक दिन 50 से 60 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। रथ यात्रा 18 दिसंबर को अयोध्या पहुंचेगी।