वामपंथी गिरोह की कठपुतली महाराष्ट्र शासन

पालघर मामला: आक्रोशित हिन्दू समाज आज देगा श्रद्धांजलि

राघवेन्द्र सिंह

एक ओर देश में कोरोना संक्रमण के चलते आए दिन दर्जनों लोग काल का ग्रास बन रहे हैं, वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के पालघर में दो हिन्दू साधुओं की पीट-पीटकर हत्या के मामले में सेकुलर जमात की रहस्यमयी चुप्पी ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गो तस्कर पहलू खां व अखलाक जैसे अपराधियों की मौत पर छाती पीटने वाले कथित सेक्युलरों की चुप्पी ने हत्यारोपितों व जिम्मेदार शासन का समर्थन करके हिन्दू विरोधी कृत्यों को और मजबूत कर दिया है। लेकिन पालघर में हुई संतों की हत्या के बाद से ही हिन्दू समाज का आक्रोश अपने चरम पर है।

पुलिस द्वारा निरीह साधुओं को रक्तपिपासु भीड़ को सौंप देना स्पष्ट रूप से यह दर्शाता है कि महाराष्ट्र शासन व वहां का पुलिस तंत्र वामपंथियों के सामने असहाय हो गया है। इसीलिए अब वहां वामपंथी गिरोह मजबूती के साथ हिन्दुओं के खिलाफ नित नए षडयंत्र रच रहा है। वामपंथियों को राज्य के शासन की खुली छूट हिन्दू विरोधी कृत्यों को बढावा दे रही है। संत-धर्माचार्य भी साधुओं की हत्या के बाद से मुखर हुए हैं और हिन्दू समाज के लोग भी भिन्न-भिन्न तरीकों से साधुओं को श्रद्धांजलि देकर अपना रोष प्रकट करते हुए सरकार से आरोपितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डाॅ. मोहन भागवत ने भी निरीह साधुओं की हत्या पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संकट की ऐसी घड़ी में मन में कुछ किंतु-परन्तु रहते हैं, रह सकते हैं, अपेक्षित नहीं हैं लेकिन स्वाभाविक हैं। लेकिन उनकी चपेट में न आकर हम लोगों को सारे भेद और स्वार्थ की प्रवृत्तियों को अलग रखकर, उनसे बचते हुये, उनको उभरने न देते हुये, देश हित में सकारात्मक बनकर ही आगे बढ़ना चाहिये। भय और क्रोध, ये दो दोष हैं, उनको टालना चाहिये। उन संन्यासियों की हत्या हुई। पीट-पीटकर मारा गया। ये उपद्रवी लोग थे। सन्यासियों ने कोई अपराध नहीं किया था। वे तो धर्म का आचरण करने वाले और धर्म का आचरण फैलाने वाले थे। मानव पर उपकार करने वाले लोग थे।

आज आदिगुरू शंकराचार्य की जयंती है।

विश्व हिंदू परिषद के जयपुर महानगर मंत्री रतन कानूनगो ने बताया कि आदिगुरू शंकराचार्य की जयंती पर सायंकाल 7 बजे पालघर महाराष्ट्र में शहीद हुए संतों एवं उनके ड्राइवर को तीन दीपक प्रज्वलित कर, 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी जाएगी। सम्पूर्ण हिन्दू समाज अपने अपने घरों में परिवार के सदस्यों के साथ दीप प्रज्वलित कर श्रद्धांजलि हेतु मौन रखेगा।

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