संघ की शाखाओं पर विजयदशमी उत्सव आयोजित
जयपुर 15 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से आज अनेक स्थानों पर विजयदशमी उत्सव का आयोजन किया गया। जयपुर महानगर में संघ की संगठन रचना के अनुसार सभी 29 नगरों में 31 स्थानों पर उत्सव सम्पन्न हुए। प्रातः से सायं तक 31 बौद्धिक कर्ताओं ने विषय रखा। महेश नगर के उत्सव में संघ के अखिल भारतीय शिक्षण प्रमुख स्वांतरंजन का उद्बोधन हुआ। स्वांतरंजन ने कहा की कोरोनाकाल में समाज की सज्जन शक्ति का सहयोग उल्लेखनीय है। संघ के स्वयंसेवकों को समाज की इसी सज्जन शक्ति को साथ लेकर पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण जैसे कार्यों को और गति से करना चाहिए। उन्होंने कहा विजयदशमी से पूर्व नवरात्र पूजन हमारे मन के विकारों का शमन कर सद्गुणों का विकास करता है।
पोण्ड्रीक नगर में संघ के महानगर सह कार्यवाह भानुप्रकाश ने अपने उद्बोधन में कहा की कलियुग में संगठन शक्ति ही राष्ट्र का बल होती है। अतः हम सम्पूर्ण हिन्दू समाज को संगठित करने का कार्य कर रहे हैं।
महानगर प्रौढ़ कार्य प्रमुख विवेक कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दू संस्कृति सर्व समावेशी है हमें किसी मत पंथ से वैर नहीं है। हिन्दू संस्कृति पूरी वसुधा को अपना परिवार मानने वाली है।
महानगर शारीरिक शिक्षण प्रमुख ने मालवीय नगर के उत्सव में पाण्डवों का उदाहरण देते हुए बताया कि शस्त्र पूजन सनातन पंरपरा है, विजयदशमी पर प्रत्येक हिन्दू को शस्त्र पूजन करना चाहिए। उल्लेखनीय है विजयादशमी पर आयोजित संघ उत्सव में शस्त्र पूजन भी होता है। हर वर्ष की तरह आज भी सभी कार्यक्रमों में शस्त्र पूजन भी हुआ। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कम संख्या के कार्यक्रम रखे गए थे।
महानगर सह कार्यवाह दुर्गेश ने जानकारी देते हुए बताया कि
उत्सव में समाज से महिलाएं और पुरुष भी सम्मिलित हुए। पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों ने संघ के शारीरिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया। जिसमें दण्ड योग, नियुद्ध, योगासन और समता के साथ संघ स्थान पर ही संचलन हुआ। घोष वादन भी कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रहा। कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि भी रहे।
राष्ट्र सेविका समिति की ओर से भी आज मोती पार्क यूनिवर्सिटी मार्ग पर विजयादशमी उत्सव का आयोजन हुआ। जिसमें समिति की सेविकाओं ने शस्त्र पूजन किया। आत्मविश्वास में वृद्धि करने वाले नियुद्ध का आकर्षक प्रदर्शन भी तरुणी सेविकाओं ने किया।