भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण का विधिवत अभियान कल से
- 15 जनवरी से 30 जनवरी तक पहला चरण जनजागरण का
- निकलेंगी प्रभात फेरियां, बंटेंगे पत्रक
- 31 जनवरी से 15 फरवरी तक होगा घर-घर सम्पर्क का दूसरा चरण
उदयपुर, 14 जनवरी। अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के लिए देश के हर परिवार से निधि समर्पण का सहयोग प्राप्त करने का अभियान शुक्रवार 15 जनवरी से विधिवत शुरू होगा। संतों के आशीर्वाद से शुरू होने वाले इस अभियान का पहला चरण जनजागरण का होगा। 30 जनवरी तक चलने वाले पहले चरण में प्रभात फेरियां निकाली जाएंगी, पत्रक बांटे जाएंगे और हर घर-परिवार से भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण के लिए निधि समर्पण के संकल्प का आग्रह किया जाएगा। घर-घर सम्पर्क कर कूपन के माध्यम से निधि समर्पण संकल्प को मूर्तरूप देने का चरण 31 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निधि समर्पण अभियान के उदयपुर महानगर प्रमुख अशोक प्रजापत ने बताया कि 15 जनवरी को उदयपुर में विभिन्न स्थानों पर कार्यकर्ता संतों के आशीर्वाद के साथ अभियान का शुभारंभ करेंगे। कहीं मंदिर में आयोजन होगा तो कहीं सामाजिक स्थान पर। कहीं रैली भी निकाली जाएगी तो कहीं समाजों की गोष्ठियां भी होंगी। इन आयोजनों में स्थानीय स्तर पर बड़े-बुजुर्गों का भी आशीर्वाद लिया जाएगा।
कैलाशपुरी में भगवान एकलिंगनाथ के दर्शन के साथ 10.15 बजे अभियान का शुभारंभ होगा। यहां कैलाशपुरी, चीरवा, रामा व सरे पंचायत के कार्यकर्ता जुटेंगे। मदार क्षेत्र में थूर की पाल स्थित धर्मेश्वर महादेव मंदिर से दोपहर एक बजे अभियान का शुभारंभ किया जाएगा। यहां मदार, थूर, कविता, गोडान, वरडा, बड़ी, लखावली पंचायत के कार्यकर्ता जुटेंगे। नाई क्षेत्र में सीसारमा डूंगरपुर हाउस के सामने स्थित धनश्री वाटिका-ठाड़ा कृषि फार्म से अपराह्न तीन बजे अभियान का शुभारंभ होगा। यहां नाई, पई, डोडावली, धार क्षेत्र की 16 पंचायतों के कार्यकर्ता जुटेंगे। इसी तरह, सलूम्बर, झाड़ोल, उदयपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में भी अभियान का शुभारंभ किया जाएगा।
अभियान का दूसरे चरण में 31 जनवरी से 15 फरवरी तक कार्यकर्ता घर-घर 10 रुपये, 100 रुपये व 1000 रुपये के कूपन लेकर पहुंचेंगे। जिस परिवार की जैसी श्रद्धा होगी, वे वैसा समर्पण सहयोग कर सकेंगे। दो हजार से अधिक की राशि पर 80-जी की छूट रहेगी। साथ ही, नकद समर्पण 20 हजार रुपये तक का ही प्राप्त किया जा सकेगा। इससे अधिक के समर्पण के लिए चेक ही स्वीकार किए जाएंगे।