सेवा कार्य करने वाले संगठनों एवं व्यक्तियों को दिया गया वर्ष 2021 का संत ईश्वर सम्मान
चूंकि संत ईश्वर फाउंडेशन एक सेवाभावी संस्था है, उसी बात से प्रसंग को जोड़ते हुए भागवत ने कहा कि सेवाभाव के कारण ही मनुष्य, मनुष्य माना जाता है। सेवा का भाव मनुष्य के अंतर्मन में निहित होता है। संवेदनशील व्यक्ति ही सेवा कर सकता है। मनुष्य ने अगर संवेदनशीलता को चुना तो देवता बन जाता है।
धर्म के क्षेत्र में भारतभूमि के महत्व को प्रतिपादित करते हुए उन्होंने कहा कि यह भी सत्य है कि सभी धर्म भारतभूमि से ही निकले हैं। मनुष्य के पास धर्म का तत्व होने से ही वह मनुष्य है। धर्म का अर्थ पूजा पाठ मात्र नहीं है। पूजा पाठ तो धर्म का एक हिस्सा मात्र है। श्रीमदभगवद् गीता में धर्म के जो तत्व बताए गए हैं, उनमें सत्य को धर्म बताया गया है। सत्य सभी का एक ही होता है, अलग-अलग नहीं। उस सत्य तक सभी धर्मों के लोग अपने-अपने तरीकों से पहुंचना चाहते हैं। उनको ऐसा करने देना चाहिए। उनके साथ ज़बरदस्ती करके झगड़ना नहीं चाहिए। पर, आदर्शों के मार्ग पर मिलकर चलने से ही परिणाम मिल पाते हैं।
उन्होंने कहा कि आज जय श्रीराम तो हर कोई कह देता है। पर, श्रीराम जैसा बनना भी तो चाहिए। लोग कहते हैं कि वह तो भगवान थे। पर, उनके दिखाए रास्ते पर चलने वाले बहुत से लोग हैं जो बिना दिखावा किये चुपचाप उन आदर्शों का पालन करते रहते हैं। किसी से कोई अपेक्षा नहीं रखते।
ऐसे ही धीरे-धीरे सभी आदर्शों को अपनाकर एक आदर्श स्थिति का निर्माण किया जा सकता है। चींटी भी धीरे-धीरे मीलों दूर निकल जाती है। संत ईश्वर फ़ाउंडेशन द्वारा आयोजित इस पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में डॉ. मोहन भागवत ने विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों को समाज के पिछड़े वर्गों की उन्नति हेतु बेहतर काम करने के लिए वर्ष 2021 के पुरस्कार दिए।
पुरस्कारों के बारे में जानकारी देते हुए संत ईश्वर सम्मान समिति की महासचिव सुश्री वृंदा ने बताया कि इस पुरस्कार की शुरुआत 2015 में की गयी थी। पुरस्कार जनजातीय कल्याण, ग्रामीण विकास, महिला व बाल-कल्याण, कला, साहित्य, पर्यावरण तथा स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में दिये जाते हैं। संस्थाओं को 5 लाख और निजी व्यक्तियों को एक लाख रुपये की धनराशि, शॉल, सर्टिफिकेट और ट्रॉफी दी जाती है।
इस बार जिन संस्थाओं और व्यक्तियों को पुरस्कृत किया गया उनकी सूची निम्न है:
जनजाति क्षेत्र
1. सुकुमार रॉय चौधरी दक्षिण दिनाजपुर, बंगाल
2. शांताराम बुदुना सिद्धि कन्नड़, कर्नाटक
3. हजोंग अर्णब गारो हिल्स, मेघालय
4. मेधा उरांव रांची, झारखंड
ग्रामीण क्षेत्र
1. डॉ. निरुपमा सुनील देशपांडे अमरावती, महाराष्ट्र
2. आशीष कुमार जबलपुर, मध्यप्रदेश
3. धर्मवीर चहल जीन्द, हरियाणा
महिला एव बाल विकास क्षेत्र
1. साध्वी कमलेश भारती हरिद्वार, उत्तराखंड
2. रूरल हेल्थ और हम बिश्वनाथ, असम
3. बिसरा सेवा प्रकल्प पटना, बिहार
4. अमृठावर्शिनी बाल कल्याण आश्रम अनंतापुरम, आंध्र प्रदेश
विशेष योगदान
1. विवेकानंद सेवा मंडल ठाणे, महाराष्ट्र
2. चिरंजीव मल्होत्रा दिल्ली
3. आर्य चावड़ा अहमदाबाद, गुजरात
संत ईश्वर सम्मान निर्णायक मंडल में एस. गुरुमूर्ति सी.ए, स्वदेशी जागरण मंच; निदेशक (भारतीय रिजर्व बैंक), प्रमोद कोहली- से.नि.मुख्य न्यायाधीश (सिक्किम उच्च न्यायालय); सेनि. अध्यक्ष, केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) पद्मश्री जवाहर लाल कौल- वरिष्ठ पत्रकार अध्यक्ष, जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र; पद्मश्री राम बहादुर राय -अध्यक्ष, इंदिरा गाँधी कला केंद्र; वरिष्ठ पत्रकार पन्नालाल भंसाली – अध्यक्ष, राष्ट्रीय सेवा भारती; गुणवंत कोठारी अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य; राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं कपिल खन्ना- ट्रस्टी, संत ईश्वर फाउंडेशन, अध्यक्ष, संत ईश्वर सम्मान समिति शामिल थे।